100 साल से रह रहे 90 परिवारों को सीनी दलित बस्ती खाली करने का अल्टीमेटम, लोग परेशान

Indian Railways Ultimatum to Sini Dalit Basti: रेलवे ने सरायकेला-खरसावां जिले के सीनी रेलवे स्टेशन के पास स्थित 100 साल पुरानी दलित बस्ती को 15 दिन में खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है.

By Mithilesh Jha | March 11, 2025 7:59 PM

Indian Railways Ultimatum to Sini Dalit Basti: सीनी (सरायकेला-खरसावां), शचिंद्र कुमार दाश/ प्रताप मिश्रा : सरायकेला-खरसावां जिले के सीनी रेलवे स्टेशन के समीप स्थित दलित बस्ती को खाली करने का अल्टीमेटम रेलवे ने दे दिया है. रेलवे ने इन परिवारों को नोटिस जारी करते हुए बस्ती को 15 दिन के अंदर खाली करने के लिए कहा है. रेलवे ने कहा है कि अगर 15 दिनों के अंदर बस्ती को खाली नहीं किया, तो रेलवे अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर पूरी बस्ती को खाली करवायेगा. रेल विभाग की ओर से नोटिस मिलने के बाद बस्ती के लोग डरे हुए हैं और उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की है कि इससे पहले कि रेलवे उनको बस्ती से बेदखल कर दे, उनके लिए प्रशासन जमीन की व्यवस्था करे.

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सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त कार्यालय पहुंचे दलित बस्ती के लोग.

बस्तीवासियों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

बस्तीवासियों ने जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा और जिला परिषद सदस्य लक्ष्मी सरदार के नेतृत्व में डीसी ऑफिस पहुंचकर उपायुक्त से गुहार लगायी है कि उनके पुनर्वासन की व्यवस्था की जाये. इन्होंने डीसी से अपील की है कि उनके रहने के लिए कहीं जमीन की व्यवस्था की जाये. इस संबंध में बस्तीवासियों ने एक ज्ञापन भी सौंपा है. सोनाराम बोदरा ने जिला प्रशासन और रेलवे से अपील की है कि दोनों मिलकर बीच का रास्ता निकालें, ताकि दलित बस्ती के लोग बेघर न हों.

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बंदोबस्ती में भूमिहीनों को जमीन दे जिला प्रशासन – लोगों की मांग

उपायुक्त को सौंपे गये ज्ञापन में बस्ती के लोगों ने कहा है कि 100 साल से रेलवे की जमीन पर भूमिहीन परिवार रह रहे हैं. अधिकांश परिवार साफ-सफाई और दैनिक मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं. इससे पहले वर्ष 2018 में रेलवे ने ऐसा ही नोटिस दिया था. तब भूमिहीन परिवारों को जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि उन्हें 4-4 डिसमिल जमीन दी जायेगी.

कोरोना की वजह से ठंडे बस्ते में चला गया था बंदोबस्ती का मामला

ग्रामीणों ने कहा कि कोरोना संक्रमण जैसी महामारी की वजह से मामला ठंडे बस्ते में चल गया. अब फिर से रेलवे ने नोटिस भेज दिया है. अगर रेलवे ने उनकी बस्ती उजाड़ दी और उन्हें वहां से हटने के लिए मजबूर कर दिया, तो 90 परिवार बेघर हो जायेंगे. उनका आशियाना छिन जायेगा. इसलिए समय रहते प्रशासन पहल करे और उनकी मदद करे.

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जिला परिषद अध्यक्ष बोले- बीच का रास्ता निकाले प्रशासन-रेलवे

सरायकेला-खरसावां के जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने कहा है कि इन गरीब भूमिहीन परिवारों का आशियाना उजड़ न जाये, इसके लिए जिला प्रशासन बीच का रास्ता निकाले. ऐसा कुछ करे, ताकि इन्हें बेघर न होना पड़े.

‘दलित बस्ती के लोगों के लिए जमीन की बंदोबस्ती करे प्रशासन’

वहीं, सरायकेला प्रखंड की जिला परिषद सदस्य लक्ष्मी सरदार ने कहा है कि जिला प्रशासन ने पहले इन लोगों को जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था. प्रशासन भूमिहीन लोगों की जमीन बंदोबस्ती कराये, ताकि इन्हें बेघर न होना पड़े.

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