Seraikela Kharsawan News : महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ें : डीसी

सरायकेला-खरसावां जिले के डीसी नितिश कुमार सिंह ने शनिवार को खरसावां क्षेत्र में तसर उद्योग से जुड़े विभिन्न केंद्रों का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

By AKASH | October 11, 2025 11:13 PM

खरसावां.

सरायकेला-खरसावां जिले के डीसी नितिश कुमार सिंह ने शनिवार को खरसावां क्षेत्र में तसर उद्योग से जुड़े विभिन्न केंद्रों का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने खरसावां के अग्र परियोजना केंद्र, आमदा के खादी पार्क, कुदासिंगी के सामान्य सुलभ केंद्र तथा आमदा में अधूरे पड़े सिल्क पार्क का जायजा लिया. विशेष रूप से सिल्क पार्क के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा कर सक्रिय बनाने के लिए उद्योग विभाग को डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया. डीसी को बताया गया कि फिलहाल पार्क में केवल बाउंड्री बनी है. इसके पूर्ण विकास से सिल्क से जुड़े लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे.

तसर कोसा का उत्पादन बढ़ाने पर जोर

निरीक्षण के दौरान डीसी ने तसर कोसा की खेती, सूत कताई, कपड़ा बुनाई और विपणन से संबंधित गतिविधियों की जानकारी ली. उन्होंने खरसावां पीपीसी के बीजागार का भी निरीक्षण किया और किसानों द्वारा किए जा रहे कीट पालन के प्रयासों का मूल्यांकन किया. एडीआइ रवि शंकर प्रसाद और पीपीओ नितिश कुमार को तसर उत्पादन बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने तथा नए सिरे से अर्जुन के पेड़ लगाने की आवश्यकता पर बल दिया.

सीएफसी की महिलाओं ने मांगी नयी मशीन

कुदासिंगी में झारक्राफ्ट संचालित सीएफसी का निरीक्षण करते हुए डीसी ने तसर से सूत कताई कर रही महिलाओं से बातचीत की. महिलाओं ने पुरानी मशीनों के कारण आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए नयी और आधुनिक मशीन उपलब्ध कराने की मांग रखी. डीसी ने आश्वासन दिया कि आवश्यकता के अनुसार नए सीएफसी खोले जाएंगे, ताकि महिलाओं को तसर आधारित स्वरोजगार से जोड़ा जा सके. आमदा के खादी पार्क में डीसी ने सूत कताई से लेकर कपड़ा बुनाई तक की पूरी प्रक्रिया का अवलोकन किया.

रेशम उद्योग से आत्मनिर्भर बनेंगी महिलाएं : डीसी

राजनगर.

उपायुक्त नितीश कुमार सिंह ने राजनगर के श्यामनगर स्थित रेशम खादी बोर्ड केंद्र और निर्माणाधीन झारक्राफ्ट भवन का निरीक्षण किया. उन्होंने रेशम उत्पादन, प्रशिक्षण और भवन निर्माण की प्रगति का जायजा लिया. इस दौरान करीब 20 महिलाएं तसर सूत निकालने का प्रशिक्षण ले रही थीं. उपायुक्त ने कहा कि तसर उद्योग ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता का सशक्त माध्यम बन सकता है. उन्होंने जिला उद्योग पदाधिकारी को तसर उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को प्रोत्साहित करने के लिए समग्र कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया. साथ ही झारक्राफ्ट भवन का निर्माण शीघ्र पूरा कराने और स्थानीय वन क्षेत्र में तसर उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया.

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