प्रधानमंत्री साहेबगंज दौरा : सड़क व रेल मार्ग की तुलना में वाटर -वे के ये हैं फायदे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज साहेबगंज में गंगा पुल व मल्टीमोडल हब का आधारशिला रखेंगे. साहेबगंज टर्मिनल उस महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा हैे, जिसके तहत देश भर में वाटर वे को विकसित किया जायेगा. 9 मार्च 2016 को संसद में जलमार्ग विधेयक पेश किया गया था. इस विधेयक के तहत देशभर में 106 जलमार्गो को राष्ट्रीय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 6, 2017 10:52 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज साहेबगंज में गंगा पुल व मल्टीमोडल हब का आधारशिला रखेंगे. साहेबगंज टर्मिनल उस महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा हैे, जिसके तहत देश भर में वाटर वे को विकसित किया जायेगा. 9 मार्च 2016 को संसद में जलमार्ग विधेयक पेश किया गया था. इस विधेयक के तहत देशभर में 106 जलमार्गो को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित करने का प्रावाधान है. गौरतलब है कि यूरोप के देशों और चीन में जलमार्ग से होने वाले माल परिवहन की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत के करीब है जबकि भारत में यह साढ़े तीन प्रतिशत है. जलमार्ग का सड़क व रेलमार्ग की तुलना में कई फायदे है.

जलमार्ग के फायदे

1. साहेबगंज पर बनने वाला मल्टी मोडल टर्मिनल राष्ट्रीय जलमार्ग -1 पर बनने वाला टर्मिनल है.राष्ट्रीय जलमार्ग -1 उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से गुजरने वाला एक राष्ट्रीय महत्व का जलमार्ग है.

इससे गंगा बेसिन में स्थित हल्दिया, हावड़ा, कोलकाता, भागलपुर, पटना, गाजीपुर, वाराणसी, इलाहाबाद और इनके औद्योगिक क्षेत्रों के प्रमुख शहरों को लाभ मिलेगा.इस क्षेत्र में रेल और सड़क मार्ग काफी व्यस्त है.साहिबगंज राष्ट्रीय जलमार्ग -1 पर निर्मित हो रहे तीन बहु-मोडल टर्मिनलों में दूसरा टर्मिनल है

2.केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग व शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक जलमार्ग के माध्यम ले ढुलाई शुरू होने से ट्रांसपोर्टेशन की लागत 10 गुना तक कम हो जायेगी. उन्होंने एक स्टडी का हवाला देते हुए बताया था कि सड़क मार्ग से ट्रांसपोर्टेशन का खर्च प्रति किलोमीटर 2.5 रुपए आता है, जबकि रेल मार्ग से यह खर्च 1.5 रुपए प्रति किलोमीटर है. वाटर वे से ट्रांसपोर्टेशन का खर्च प्रति किलोमीटर लगभग 25 पैसा आएगा.

3. जलमार्ग के जरिये माल ढुलाई करने से न केवल कार्बन उत्‍सर्जन कम करने में मदद मिलेगी. सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए भी जलमार्ग का अहम भूमिका होती है. भारत में हर रोज लाखों लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं. जलमार्ग के जरिये ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देकर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकती है.

4.सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 34 फीसदी माल ढुलाई अंतर्राष्ट्रीय हब पोर्ट के जरिये होता है. पोर्ट की कमी की वजह से भारत में उपभोक्ताओं पर उच्च लागत का बोझ पड़ रहा है. जलमार्ग तंत्र का निर्माण और देखरेख अन्‍य माध्‍यमों की तुलना में भी बहुत सस्‍ता है.

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