पीएचडी इंक्रीमेंट में देरी होता देख महिला शिक्षकों ने वीसी व उच्च शिक्षा सचिव को घेरा

रांची विश्वविद्यालय के 69 शिक्षकों को अगले हफ्ते पीएचडी इंक्रीमेंट देने से संबंधित प्रस्ताव पर उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग अपनी स्वीकृति प्रदान कर देगा. यह आश्वासन शुक्रवार को राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा सचिव राहुल पुरवार ने उनसे मिलने पहुंची महिला शिक्षकों को दिया.

By Prabhat Khabar Print | May 24, 2024 7:15 PM

रांची (विशेष संवाददाता). रांची विश्वविद्यालय के 69 शिक्षकों को अगले हफ्ते पीएचडी इंक्रीमेंट देने से संबंधित प्रस्ताव पर उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग अपनी स्वीकृति प्रदान कर देगा. यह आश्वासन शुक्रवार को राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा सचिव राहुल पुरवार ने उनसे मिलने पहुंची महिला शिक्षकों को दिया. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा पीएचडी इंक्रीमेंट देने से संबंधित संचिका पर बार-बार आपत्ति देकर लौटाने से खफा भुक्तभोगी महिला शिक्षकों ने रांची विवि पीजी मनोविज्ञान विभाग का अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ रीता कुमारी के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक महिला शिक्षकों ने पहले रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा का घेराव किया. डॉ कुमारी ने कुलपति से पीएचडी इंक्रीमेंट में हो रही देरी तथा उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा अनाप-शनाप आपत्ति दिये जाने पर विरोध जताया. डॉ कुमारी ने कहा कि आखिर कुलपति द्वारा एकेडमिक डीन की नियुक्ति को उशि विभाग क्यों नहीं मान रहा. उन्होंने कुलपति से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. इस पर कुलपति ने कहा कि विभाग ने अब तक लिखित रूप से उनसे इस संबंध में कोई पत्राचार नहीं किया है. विवि शिक्षकों को इंक्रीमेंट देने के पक्ष में हैं. विभाग व निदेशालय से स्वीकृति मिलने भर की देरी है. इसके बाद सभी महिला शिक्षक नेपाल हाउस पहुंच गयीं व उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार से मुलाकात कर निदेशालय द्वारा बेवजह की गयी आपत्ति की जानकारी दी. शिक्षिकाओं ने कहा कि जेपीएससी ने नियुक्ति ने पीएचडी को वैध माना, वीसी ने डीन की नियुक्ति कर दी. इसके बावजूद निदेशालय का नहीं मानना समझ से परे है. श्री पुरवार ने तत्काल उप निदेशक अनमोल को चैंबर में बुलाया तथा फटकार लगाते हुए अगले हफ्ते तक इसे क्लियर करने का आदेश दिया. इस बीच श्री पुरवार ने विवि के कुलपति डॉ सिन्हा से बात कर वापस किये गये प्रस्ताव को यथाशीघ्र निदेशालय भेजने का आग्रह किया. ताकि निर्णय लिया जा सके. महिला शिक्षकों में डॉ नीलू, डॉ सुनिता गुप्ता, डॉ सुनिता कुमारी, डॉ कुमुद कला मेहता, डॉ नियति कल्प आदि शामिल थीं.

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