अनगड़ा में जंगली हाथी ने 2 लोगों पर किया हमला, एक की मौत, एक घायल
Wild Elephant Attack: झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने रांची जिले के अनगड़ा प्रखंड में 2 लोगों पर हमला कर दिया. इसमें एक युवती गंभीर रूप से घायल हो गया. एक अधेड़ की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी. घायल युवती का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. वन विभाग की ओर से दोनों के परिजनों को आर्थिक सहायता दी गयी है.
Table of Contents
Wild Elephant Attack| अनगड़ा (रांची), जितेंद्र कुमार : झारखंड की राजधानी रांची के अनगड़ा प्रखंड के जीदू और हेसलाबेड़ा गांव में झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने 2 लोगों को पटककर घायल कर दिया. इनमें से एक की इलाज के दौरान मौत हो गयी. दूसरे का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
हेसलाबेड़ा चट्टानटोली की युवती और अधेड़ पर किया हमला
घायलों में हेसलाबेड़ा चट्टानटोली की नवयुवती रवीना कुमारी और जीदू बेलटोली निवासी शनिचरवा मुंडा (41) शामिल हैं. शनिचरवा मुंडा रोज की भांति मंगलवार तड़के 5 बजे खलिहान जा रहा था, इसी दौरान हाथी ने उस पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. बाद में इलाज के दौरान रिम्स में उसकी मौत हो गयी.
16 साल की रवीना कुमारी हाथी के हमले में घायल
इस घटना के आधा घंटा बाद हाथी हेसलाबेड़ा में दौड़ने निकली 16 साल की रवीना कुमारी (पिता सोमा भोगता) पर हमला कर दिया. रवीना को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फॉरेस्टर नितिन गुप्ता ने वन विभाग की ओर से रवीना के परिजनों को इलाज कराने के लिए तत्काल 5,000 रुपए की मदद दी है.
शनिचरवा के परिजनों को वन विभाग ने दिये 25,000 रुपए
शनिचरवा के इलाज के लिए फॉरेस्ट गार्ड कृष्णा महतो और छत्रपति गोराई ने उसके परिजनों को 25 हजार रुपए की सहायता राशि दी. रिम्स में इलाज के दौरान शनिचरवा की मौत हो गयी. ग्रामीणों का आरोप है कि सीएचसी गोंदलीपोखर के डॉक्टर की लापरवाही की वजह से शनिचरवा की मौत हुई.
झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Wild Elephant Attack: शनिचरवा के इलाज में डॉक्टर ने बरती लापरवाही
ग्रामीणों ने बताया कि हाथी के हमले के बाद शनिचरवा को उसके परिजन इलाज के लिए सीएचसी गोंदलीपोखर ले गये थे. यहां डॉ बिमल ने कहा कि शनिचरवा की मौत हो चुकी है. परिजन उसे लेकर घर पहुंचे, तो देखा कि शनिचरवा की सांस चल रही है. इसके बाद उसे रिम्स ले जाया गया. रिम्स में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
सीएचसी में सही उपचार मिल जाता, तो बच सकती थी शनिचरवा की जान
ग्रामीणों ने कहा कि अगर शनिचरवा मुंडा को सीएचसी में प्राथमिक उपचार मिल जाता और समय रहते रिम्स भेज दिया गया होता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी. इसकी जानकारी मिलने पर सीएचसी प्रभारी डॉ शशिप्रभा ने बताया कि उन्होंने संबंधित चिकित्सक से बात की है.
डॉक्टर ने सीएचसी प्रभारी से कहा- थम गयी थी शनिचरवा की धड़कन
सीएचसी प्रभारी को चिकित्सक ने बताया कि जांच के समय शनिचरवा की धड़कन बंद हो गयी थी. अस्पताल के व्यवहार से ग्रामीणों में खासा नाराजगी है. हाथी ने मंगलवार दोपहर कोयनारडीह निवासी कमल महतो को भी पटककर घायल कर दिया. वनपाल नितिन गुप्ता ने उसे इलाज के लिए जोन्हा अस्पताल भेजा.
इसे भी पढ़ें
मझगांव में जंगली हाथियों ने 24 साल के युवक को कुचलकर मार डाला
झारखंड में जंगली हाथियों का तांडव, गिरिडीह-गुमला में दो को उतारा मौत के घाट, इलाके में दहशत!
जंगली हाथियों के झुंड ने मचाया उत्पात, कई घरों को किया क्षतिग्रस्त
