रांची में Tribal Youth Festival 2022 का शानदार आगाज, एक से बढ़कर एक नागपुरी गीतों पर थिरके युवा मंडली

Tribal Youth Festival 2022: ट्राइबल यूथ फेस्टिवल-2022 का पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने किया. मौके पर उन्होंने कहा कि झारखंड की आदिवासी संस्कृति समृद्ध है. समय के साथ युवा अपनी जनजाति के पारंपरिक रीति-रिवाज से दूर होते जा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं चलेगा.

By Prabhat Khabar | November 13, 2022 12:24 PM

Tribal Youth Festival 2022: हाय रे हमर सोना झारखंड…, फिर से जन्म लेओ रे बिरसा… जैसे गीतों से मोरहाबादी का दीक्षांत मंडप गूंज उठा. महुआ बैंड के गायक राहुल ने सुरीली आवाज में जब गाने का तान छेड़ा, तो आयोजन स्थल पर मौजूद युवाओं ने जय झारखंड…, धरती आबा बिरसा की जय… जैसे नारे लगाये. मौका था इंडिजिनियस वेलफेयर सोसाइटी की ओर से आयोजित ट्राइबल यूथ फेस्टिवल-2022 का. महोत्सव का आगाज पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने किया. मौके पर उन्होंने कहा कि झारखंड की आदिवासी संस्कृति समृद्ध है. समय के साथ युवा अपनी जनजाति के पारंपरिक रीति-रिवाज से दूर होते जा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं चलेगा. राज्य के विकास और आदिवासियत को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए सबको एकजुट होना होगा. वहीं, विशिष्ट अतिथि सांसद गीता कोड़ा ने ट्राइबल महोत्सव को युवाओं के एकजुट होने का सबसे बेहतर माध्यम बताया.

नागपुरी गीतों से कार्यक्रम का आगाज

गीत-संगीत की महफिल की शुरुआत युवा गायिका संध्या तिर्की व टीम ने की. मौके पर संध्या ने एक से बढ़कर एक नागपुरी गीतों की प्रस्तुति दी. वहीं, संथाल परगना से पहुंचे युवा गायक मुकेश टुडू ने अपने गीतों से युवाओं को जमकर झुमाया. ट्राइबल यूथ फेस्टिवल में झारखंड की 32 जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने कलाकार पहुंचे हैं.

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समाज को एकजुट करना लक्ष्य

आयोजन मंडली के सदस्य अनिल पन्ना ने कहा कि महोत्सव के जरिये राज्य की विभिन्न जनजातियों के युवा अगुवाओं को एकजुट करना है. आयोजन को सफल बनाने में इंडिजिनियस वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अमरनाथ लकड़ा, सचिव कुणाल उरांव, आकाश तिर्की, पंकज भगत, शशि पन्ना, विकास तिर्की, प्रकाश तिर्की और नैंसी लुगुन समेत अन्य का योगदान रहा.

डीजे नाइट और बैंड की मोहक धुन का छाया जादू

देर शाम सीके मुंडा ने डीजे की धुन पर युवाओं को जमकर थिरकाया. इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक (इडीएम) और नागपुरी गीतों के रीमिक्स गीतों पर युवा झूमते दिखे. इसके बाद देर शाम अत्रिप्त बैंड ने मंच पर अपनी प्रस्तुति दी. बैंड ने लोकप्रिय गीत जनी मन कर फैशन हाय रे फैशन…, काले बोरेया हले बोरेया… ,कैसे बताबू के केता चाहू तोके गोरिया… का जादू डालत मोरे रूपा रे… जैसे गीतों की प्रस्तुति दी.

अबुआ सत्याग्रह में दिखा उलगुलान

आदिवासी रंगकर्मी काजल मुंडू के निर्देशन में अबुआ सत्याग्रह नाटक का मंचन किया गया. रंगमंच पर युवाओं ने भगवान बिरसा मुंडा के उलगुलान को दर्शाया. साथ ही दिखाया कि समाज का आम नागरिक कैसे धरती आबा बनकर अंग्रेजों को लोहा मनवाने में सफल रहा. आंदोलन में सामाजिक एकता को दर्शाया गया.

जनजातीय परिधान रहा आकर्षण का केंद्र

दीक्षांत मंडप परिसर में लगे महोत्सव में करीब 50 स्टॉल लगे हैं. इनमें से ज्यादातर स्टॉल आदिवासी फ्यूजन स्टाइल के पारंपरिक परिधान से भरे दिखे. सरइ अदिवासी लुगा ने पारंपरिक उरांव जनजाति के परिधान कुखेना को लेटेस्ट फैशनेबल स्टाइल में पेश किया. डिजाइनर विनोद ने कुखेना को मोदी कोर्ट, शर्ट, बंडी, टी-शर्ट और ब्लेजर के रूप में तैयार कर उपलब्ध कराया.

महोत्सव में फैशन शो आज

ट्राइबल यूथ फेस्टिवल रविवार को भी जारी रहेगा. खास आकर्षण फैशन डिजाइनर सुमंगल नाग और टीम का फैशन शो होगा. विभिन्न जनजातीय समूह व गायक दल अपनी-अपनी जनजाति के गीत-संगीत और परिधान से लोगों को परिचय करायेंगे.

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