Ranchi News : जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए सबको सोचना चाहिए : हेमंत सोरेन

जमशेदपुर स्थित कदमा संताल जाहेरथान के बाहा बोंगा में पत्नी के साथ शामिल हुए सीएम

By Prabhat Khabar News Desk | March 9, 2025 12:08 AM

जमशेदपुर. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी प्रकृति के पूजक हैं और इसी के सानिध्य में रहकर गुजर-बसर करते हैं. आदिवासी के साथ-साथ दूसरे समाज व समुदाय को भी जल, जंगल व जमीन को सुरक्षित और संरक्षित करने के बारे में चिंतन करना चाहिए. वे शनिवार को कदमा संताल जाहेरथान में आयोजित बाहा बोंगा पर्व के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज अपने-अपने गांव में प्रकृति की उपासना का महापर्व बाहा मना रहे हैं. इसके जरिये समाज के लोग वन-पर्यावरण व ईष्ट देवी-देवताओं के प्रति आभार जता रहे हैं. आभार जताने के लिए ही सामूहिक रूप से जाहेरथान में पूजा-अर्चना कर देवी-देवताओं को नमन करते हैं. आदिवासी समाज को अपनी संस्कृति व सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व करना चाहिए : मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज की स्वशासन व्यवस्था सदियों से चली आ रही है. वे आदिकाल से इस धरती पर निवास कर रहे हैं. इस समाज को अपनी संस्कृति, स्वशासन व्यवस्था व सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व करना चाहिए. आदिवासी समाज एक सुरक्षित सामाजिक व्यवस्था में रहता आ रहा है. इसलिए यह समाज काफी समृद्ध व संतुष्ट रहा है. आज भले ही लोग मंगल ग्रह पर जाकर लौट आये हों. लेकिन आदिवासियों के बड़े -बुजुर्गों के पास जितनी जानकारी है, उतना किसी और के पास नहीं है. उन्होंने आदिवासी समाज से आह्वान किया कि वे अपने पर्व- त्योहार को हर्षोल्लास के साथ परंपरागत तरीके से मनायें और अपनी सामाजिक व सांस्कृतिक एकता को बनाये रखें. समाज को आगे बढ़ाने के लिए हर कोई चिंतन-मनन करें : सीएम सोरेन ने कहा कि समाज के लोग हर क्षेत्र में आगे बढ़ें, इसके लिए समाज के परगना बाबा, पारानिक बाबा, माझी बाबा, नायके बाबा, गोडेत बाबा, शिक्षाविद् व बुद्धिजीवी चिंतन-मनन करें और अच्छी चीजों को सामने लायें. आदिवासी समाज के युवा पढ़-लिख कर बड़े पदों पर पहुुंचे, इसके लिए सबको मिलकर सोचना चाहिए. मुख्यमंत्री ने पत्नी के साथ पूजा-अर्चना की : इससे पहले समारोह के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक व उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने ओलचिकी के जनक गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. उसके बाद जाहेरथान में मरांगबुरू, जाहेरआयो, लिटा-मोणें व तुरुईको के चरणों में नतमस्तक होकर आशीर्वाद प्राप्त किया. देवी-देवताओं के आशीष के रूप में नायके बाबा के हाथों सखुआ अर्थात सरजोम बाहा ग्रहण किया. मुख्यमंत्री ने सरजोम बाहा को अपने कानों पर लगाया और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने जुड़े में सजाया. मौके पर मंत्री रामदास सोरेन, सांसद जोबा माझी, विधायक कल्पना सोरेन, विधायक मंगल कालिंदी, पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता, पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू, जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू व अन्य गणमान्य उपस्थित थे.

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