कोयलाकर्मी को बोर्ड सदस्य बनाये जाने के मुद्दे पर अब कंपनी स्तर पर होने लगी है चर्चा

कोल इंडिया स्तर पर वाट्सएप ग्रुप और फेसबुक पर इस मामले को लेकर कंपनी में कार्यरत कर्मी खुल कर अपनी बातें रख रहे हैं

By Prabhat Khabar News Desk | July 21, 2025 5:59 PM

डकरा. कोयलांचल में सक्रिय ट्रेड यूनियन में सीसीएल कर्मी नेता और गैर सीसीएल कर्मी नेताओं के बीच बढ़ रही दूरियां संबंधित खबर सोमवार को प्रभात खबर में छपने के बाद खबर की प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी है. कोल इंडिया स्तर पर वाट्सएप ग्रुप और फेसबुक पर इस मामले को लेकर कंपनी में कार्यरत कर्मी खुल कर अपनी बातें रख रहे हैं, वहीं एनके एरिया के वैसे गैर सीसीएल कर्मी नेता जो सलाहकार समिति सदस्य के तौर पर कर्मचारियों के तबादले का मामला उठाये थे, वह अचानक सरेंडर करने के मूड में आ गए हैं. ऐसे लोगों से संबंधित संगठन के ऊपर के नेताओं ने भी बात कर उन्हें ऐसे मामलों से बचने की सलाह दी है. एरिया के नेताओं को बताया गया है कि आपकी नेतागीरी मजदूरों और कर्मचारियों के बदौलत चल रही है यह हमेशा याद रखना होगा. जो नेता बैठक में कर्मचारियों के सामूहिक तबादला की मांग उठा रहे थे, वे अब दलील दे रहे हैं कि एरिया के कार्मिक अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण मजबूरी में समस्या उठानी पड़ी. बहुत जल्दी कार्मिक अधिकारियों की मनमाना कार्यशैली को लेकर एक बैठक महाप्रबंधक के साथ होना तय हुआ है. यही नहीं कर्मचारियों को भी अब सफाई दी जा रही है कि हमलोगों की मंशा गलत थी, वहीं दूसरी ओर नेताओं का एक वर्ग अभी भी काम नहीं करने वाले क्लर्कों से नाराज है और वे उनके काम की जवाबदेही तय करने की बात अभी भी कह रहे हैं.

कोल इंडिया स्तर पर होने लगी है चर्चा

कोयला कंपनियों में सीसीएल कर्मी और गैर सीसीएल कर्मी नेताओं को लेकर जो चर्चा शुरू हुई है वह एनके एरिया से लेकर अब कोल इंडिया स्तर तक चर्चा का विषय बन गया है. प्रभात खबर में छपी खबर की प्रति को लेकर विभिन्न कंपनियों के कोयला कर्मियों ने तल्ख टिप्पणी की है. लोगों का कहना है कि संगठन अपने चेहते नेताओं को संगठन में पदाधिकारी बनाते हैं, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बोर्ड सदस्य कर्मियों के बीच से बनाया जाये, ताकि वे कर्मियों की समस्या, हक-अधिकार, नियम-कानून को समझ सकें. ठेकेदार और कोयला व्यवसायी बोर्ड में बैठ कर मजदूरों के हक-अधिकार को दांव पर लगा कर अपने धंधे का रास्ता साफ करते हैं. यह परिपाटी नहीं बदला गया, तो आनेवाले समय में ऐसे यूनियन का कोई भी सदस्य बनने के लिए तैयार नहीं होगा, जिसका बोर्ड सदस्य गैर कर्मी है.ट्रेड यूनियन के लिए आत्मचिंतन का समय

कोयला क्षेत्र में छह केन्द्रीय श्रमिक संगठन सक्रिय है जिससे लगभग दर्जन भर यूनियन संबद्धता प्राप्त कर कंपनी में काम कर रही है. बीएमएस को छोड़ कर अन्य सभी संगठन में गैर कर्मी ही निर्णायक पद पर बैठे हैं.इनमें बहुत एसे हैं जो ट्रेड यूनियन की प्राथमिक जानकारी भी नहीं रखते हैं बावजूद वे संगठन के बड़े नेताओं का गणेश परिक्रमा कर बोर्ड सदस्य बन जा रहे हैं लेकिन हाल के दिनों में जिस प्रकार माहौल बदलने लगा है उससे श्रमिक संगठन के बड़े नेताओं को भी यह समझने पर मजबूर कर दिया है कि अगर संगठन चलाना है तो कर्मियों की उपेक्षा कर चलाना मुश्किल होगा.

जल्द होगी कार्मिक अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर महाप्रबंधक के साथ बैठक B

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