हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी को पत्र लिख कर डीवीसी की बकाया राशि की कटौती पर जताया एतराज, कही ये बड़ी बात

हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2020 9:28 AM

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर डीवीसी की बकाया राशि 1417 करोड़ रुपये की कटौती पर एतराज जताया है. उन्होंने कहा है कि महामारी काल में एेसा करना असंवैधानिक व अनैतिक तथा संघीय ढांचे पर प्रहार है. सीएम ने राशि कटौती का आदेश निरस्त करते हुए इसे राज्य सरकार को लौटाने का अनुरोध भी किया है.

साथ ही सवाल उठाया है कि यह बकाया भाजपा के पांच वर्षों के कार्यकाल का है, तो उस दौरान कटौती क्यों नहीं की गयी. सीएम ने त्रिपक्षीय समझौते में कोयला मंत्रालय को भी जोड़ने का आग्रह किया.

मुख्यमंत्री ने लिखा है कि भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने आरबीआइ द्वारा संचालित राज्य सरकार के राजकीय कोष से 1417 करोड़ रु की कटौती कर ली है. हालांकि यह कार्रवाई राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं आरबीआइ के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के प्रावधानों के तहत की गयी है, पर मैं इस निर्णय से व्यथित हूं.

वर्तमान परिस्थितियों में भारत सरकार को यह कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी. सीएम ने लिखा है कि राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं आरबीअाइ के बीच यह समझौता सामान्य काल को ध्यान में रख कर किया गया था.

झारखंड का बकाया कम, फिर भी कटौती

इसके प्रावधानों को महामारी काल में लागू करना प्रथम दृष्टया असंवैधानिक, अनैतिक एवं संघीय ढांचे पर प्रहार लगता है. आजाद भारत के इतिहास में इस तरह की कटौती दूसरी बार हुई है. हमसे ज्यादा बकाया कई अन्य राज्यों का है.

मेरे राज्य का बकाया तो मात्र 5500 करोड़ था, तब भी कटौती झारखंड जैसे आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक बहुल गरीब राज्य से की गयी है. सीएम ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां ठप हो गयी थी. इसका सीधा असर राज्य की बिजली वितरण कंपनियों के भुगतान पर भी पड़ा है.

रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रोजेक्ट भवन में मीडिया से बात करते हुए कि केंद्र सरकार राज्य में विकास की रफ्तार को धीमा करने का हर षडयंत्र कर रही है.झारखंड के प्रति इनकी सोच संवेदनशील नहीं है. हर तरीके से राज्य सरकार को परेेशान करने का काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में अब मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन पर रोक लगा दी गयी है. जबकि इनके भवनों का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. दूसरी ओर एम्स के भवन का पांच प्रतिशत काम भी नहीं हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा रिजर्व बैंक से पैसे काटे जा रहे हैं.

posted by : sameer oraon

Next Article

Exit mobile version