सूर्या हांसदा को अपराधी कहने पर भड़के बाबूलाल, बोले- दिशोम गुरु गंभीर आपराधिक मामलों में तिहाड़ जेल गये
Surya Hansda Encounter Case in Monsoon Session Jharkhand: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन गोड्डा में सूर्या हांसदा के कथित एनकाउंटर का मुद्दा गरमा गया. झामुमो के नेता और खाद्य आपूर्ति मंत्री ने सूर्या को अपराधी कहा, तो नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी उखड़ गये. उन्होंने कहा कि लोग जिन्हें दिशोम गुरु कहते हैं, वे गंभीर आपराधिक मामलों में तिहाड़ जेल में बंद रहे. इसलिए किसी को सदन में अपराधी घोषित नहीं किया जा सकता, किसी को अपराधी घोषित करने का अधिकार सिर्फ कोर्ट को है.
Surya Hansda Encounter Case in Monsoon Session Jharkhand: गोड्डा के सूर्या हांसदा के कथित एनकाउंटर का मामला सोमवार को झारखंड विधानसभा में गूंजा. मानसून सत्र के दौरान खाद्य आपूर्ति मंत्री ने सूर्या हांसदा को अपराधी कहकर संबोधित किया, तो नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी नाराज हो गये. उन्होंने कहा कि जब तक किसी पर अपराध साबित नहीं हो जाता या कोर्ट उसे दोषी करार नहीं दे देता, तब तक उसे अपराधी कहना उचित नहीं हैं. बाबूलाल ने आरोप लगाया कि हंसदा की ‘साजिश रचकर हत्या’ की गयी है.
‘दिशोम गुरु भी गंभीर आपराधिक मामलों में जेल गये थे’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोग जिन्हें दिशोम गुरु कहते हैं, वह कई गंभीर आपराधिक मामलों में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहे. मैं इस मंच पर ये मुद्दा नहीं उठाना चाहता था, लेकिन यह बात करना जरूरी था, क्योंकि सूर्या हांसदा पर भी इसी तरह अनेक मामलों में आरोप लगे, लेकिन अधिकांश में वे बरी हो गये. कोर्ट में अब तक सूर्या हांसदा किसी भी आपराधिक मामले में दोषी सिद्ध नहीं हुए हैं.
‘सूर्या को अपराधी घोषित करने का अधिकार कोर्ट को’
इसलिए, संसदीय कार्य मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा उन्हें अपराधी कहना पूरी तरह अनुचित है. किसी व्यक्ति को अपराधी घोषित करने का अधिकार केवल न्यायालय के पास है, जनप्रतिनिधियों के पास नहीं. अगर हमलोग किसी को अपराधी साबित करने लगे, तो यह ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा राजनीति में थे. कई बार चुनाव लड़े. अपने क्षेत्र में लोकप्रिय भी थे. हम सभी जानते हैं कि राजनीति में लोगों पर कई बार केस दर्ज करा दिये जाते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि वह अपराधी हो गया.
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‘मुख्यमंत्री सूर्या मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा करें’
बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर मांग की कि इस मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करायी जाये. मुख्यमंत्री इस मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दें. जांच सीबीआई करेगी. सच सामने आ जायेगा. बिना जांच किसी को अपराधी कहना उचित नहीं है.
सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने सदन में किया हंगामा
इससे पहले सदन में जमकर हंगामा हुआ. पहली पारी में कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा. दूसरी पाली में कुछ काम हुए. सीएजी की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गयी. विपक्षी दलों ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर के मुद्दे पर हंगामा किया, तो सत्ता पक्ष ने बिहार में एसआईआर और 130वें संविधान संशोधन के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की. इस विधेयक में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को 30 दिन या उससे अधिक समय तक जेल में रहने की स्थिति में पद पर बने रहने पर रोक का प्रावधान है.
भाजपा विधायकों ने मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा
भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे की भी मांग की और आरोप लगाया कि सरकार आदिवासियों की जमीन लूट रही है. मरांडी ने कहा कि रांची के नगरी इलाके में एक अस्पताल के लिए आदिवासियों के भू-खंडों का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है. भाजपा ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन लौटाये.
सत्ता पक्ष ने एसआईआर और 130वें संशोधन पर हंगामा किया
सत्ता पक्ष के घटक दलों (झामुमो, कांग्रेस, राजद) के गठबंधन ‘INDIA’ ने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया और 130वें संविधान संशोधन लोकतंत्र को कमजोर करेंगे. मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा, ‘बिहार में चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची संशोधन संदेह पैदा करता है. अगर झारखंड में ऐसी कोई प्रक्रिया अपनायी जाती है, तो झामुमो कड़ा विरोध करेगा.’
सदन शुरू होते ही हुआ हंगामा, कार्यवाही स्थगित
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों पक्षों के विधायक आसन के समीप आ गये और नारेबाजी करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने सदस्यों से बार-बार अपनी-अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने अपना प्रदर्शन जारी रखा. हंगामे के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर साढ़े 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
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