Ranchi News : महिलाओं ने गिनाईं उपलब्धियां, बताईं उम्मीदें
झारखंड गठन के बाद सरकार ने राज्य के विकास के लिए हर क्षेत्र में पहल की है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़े कार्य हुए हैं.
मोरहाबादी स्थित एदलहातू में प्रभात खबर की परिचर्चा, महिलाओं ने रखी अपनी बात
राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ पर महिलाओं ने रखी अपनी राय
रांची. झारखंड गठन के बाद सरकार ने राज्य के विकास के लिए हर क्षेत्र में पहल की है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़े कार्य हुए हैं. अब भी महिला सुरक्षा और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार को पहल करने की आवश्यकता है. राज्य के 25 वर्ष पूरे होने पर मंगलवार को जीवन कंपाउंड, एदलहातू, मोरहाबादी की सोसाइटी में महिलाओं के बीच परिचर्चा का आयोजन किया गया. महिलाओं ने खुलकर अपनी बातें रखीं. महिलाओं ने सरकार की नीतियों और योजनाओं की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि कई ऐसे क्षेत्र हैं जो अब भी महिलाओं से अछूते हैं. विशेष रूप से महिला सुरक्षा के नाम पर यहां बहुत कुछ किया जाना बाकी है. महिलाओं ने कहा कि शहर में, खासकर इस इलाके में, स्ट्रीट लाइट और वेपर लाइट ज्यादातर खराब रहती हैं, जिससे देर शाम अथवा रात में घर से बाहर निकलने में डर लगता है. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि रांची जैसे खूबसूरत शहर में कई ऐसे इलाके हैं, जहां नालियां बजबजा रही हैं और सीवरेज व्यवस्था नाम मात्र की है. सड़क पर विकास के नाम पर खोदे गये गड्ढों को अब तक नहीं भरा गया है. इन सड़कों के निर्माण की आवश्यकता है.परिचर्चा में महिलाओं ने सरकार की योजनाओं की सराहना की
सपना सिन्हा : महिला सुरक्षा के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है. हमारा राज्य अब भी इस मामले में पिछड़ा हुआ है. आये दिन महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं, बल्कि पहले से अपराध बढ़ गये हैं. पूरे शहर का लगभग एक जैसा हाल है. ज्यादातर स्ट्रीट लाइट और वेपर लाइट खराब रहती हैं. महिलाएं शाम को घर से निकलने में डरती हैं. सरकार को चाहिए कि राज्य गठन के इतने वर्षों के बाद अब सबसे पहले महिला सुरक्षा के लिए ठोस पहल करे. तभी सही मायनों में झारखंड का विकास होगा.करुणा देवी : सरकार को चाहिए कि महिलाओं के बीच मुफ्त की कोई भी चीज न बांटे. इससे उनकी काबिलियत समाप्त हो जाती है. हमारे राज्य की महिलाओं में प्रतिभा है. उनकी उसी प्रतिभा के बल पर उन्हें अवसर और सुविधाएं दी जानी चाहिए. वहीं, कई महिलाएं जिन्हें मुफ्त की चीजें नहीं मिल पातीं, उनके भीतर निराशा पनपती है. यह महिला हित में उचित नहीं है. सरकार को सबको एक समान दृष्टि से देखना चाहिए.संजू सिन्हा : झारखंड में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर कम हैं. सरकार को महिलाओं को भी रोजगार देने की दिशा में कदम उठाने चाहिए. महिलाओं के पास हुनर है, पर वे रोजगार से अनभिज्ञ हैं. यदि महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तो राज्य का विकास भी तेज होगा. रोजगार से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा और एक मजबूत राज्य का निर्माण होगा.
अंजू गुप्ता : सरकार को महिलाओं के लिए और अधिक योजनाएं लाने की आवश्यकता है. सभी महिलाएं सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पातीं. सभी के लिए एक समान और सर्वहितकारी योजना होनी चाहिए, जिससे महिलाओं में समानता का बोध हो. कुछ योजनाओं का लाभ केवल कुछ महिलाएं ही प्राप्त कर पाती हैं, यह उचित नहीं है. सरकार की दृष्टि में हर महिला समान होनी चाहिए.अमीषा देवी : सरकार को शहर के सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने की आवश्यकता है. हमारे इलाके में नगर निगम केवल कचरा उठाने का काम करता है, बाकी किसी विकास कार्य में उसकी भूमिका नहीं दिखती. वास्तव में नगर निगम को पूरे इलाके का विकास करना चाहिए. कई बार ऐसा लगता है कि शहर के कुछ इलाकों की प्रशासनिक रूप से अनदेखी की जाती है. जबकि पूरा शहर नगर निगम क्षेत्र में आता है, फिर यह सौतेला व्यवहार उचित नहीं है.संध्या महतो : पिछले 25 वर्षों में झारखंड का विकास हुआ है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम हुआ है. सदर अस्पताल, रिम्स जैसे सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ी हैं और इलाज की गुणवत्ता बेहतर हुई है. सरकारी अस्पतालों में और अधिक योग्य चिकित्सक होने चाहिए ताकि हर वर्ग के लोग इलाज के लिए आयें. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों को भी शहरी अस्पतालों की तरह बेहतर बनाना चाहिए.सुमित्रा महतो : महिलाओं की सुरक्षा को लेकर झारखंड में काफी काम किया गया है, फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और युवतियों के साथ अंधविश्वास के नाम पर हत्याएं होती रहती हैं. शहरी क्षेत्रों में स्कूली बच्चियों के अपहरण की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसलिए सुरक्षा को और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि झारखंड की हर महिला और युवती खुद को सुरक्षित महसूस कर सके.
लक्ष्मी : सरकार ने मंईयां योजना का लाभ महिलाओं को देकर उन्हें काफी सहूलियत पहुंचाई है, लेकिन इसका लाभ कई ऐसी महिलाएं भी ले रही हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता नहीं है. वहीं, कई जरूरतमंद महिलाएं आज भी इसका लाभ पाने से वंचित हैं और अंचल कार्यालय के चक्कर काट रही हैं. मंईयां योजना का लाभ हर जरूरतमंद महिला को मिलना चाहिए.अनामिका : महिलाओं को मंईयां योजना का लाभ देने के साथ-साथ उन्हें रोजगार मुहैया कराना भी आवश्यक है, ताकि वे किसी की मोहताज न रहें. मंईयां योजना सही और जरूरतमंद लोगों को मिले, लेकिन रोजगार की व्यवस्था भी सरकार की जिम्मेदारी है. कहीं न कहीं रोजगार के मामले में सरकार पिछड़ी हुई है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे.रश्मि प्रभाकर : झारखंड उच्च शिक्षा के मामले में पिछड़ा हुआ है, जिसके कारण हमें अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहर भेजना पड़ता है. यदि राज्य में उच्च शिक्षण संस्थान खुलें तो बच्चों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा. शिक्षा के स्तर को सुधारना होगा. युवाओं को रोजगार देने के लिए वैकेंसी निकालनी चाहिए. पिछले 25 वर्षों में बहाली नगण्य रही है.अनीता जायसवाल : पिछले 25 वर्षों में झारखंड में काफी काम हुआ है, लेकिन स्वास्थ्य के अलावा महिला सुरक्षा पर कोई ठोस कार्य नहीं दिखता. आज भी महिलाएं शाम को घर से निकलने से पहले सोचती हैं. हमारी मांग है कि महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
