JRF, UGC NET और प्रवेश परीक्षा में सफल अभ्यर्थी का रिजल्ट अलग-अलग जारी करें, झारखंड में राज्यपाल का आदेश

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने आदेश दिया है कि झारखंड के सभी सरकारी विवि यूजीसी रेगुलेशन-2022 के तहत ही पीएचडी प्रवेश परीक्षा व नामांकन लें. जेआरएफ/नेट और प्रवेश परीक्षा में पास अभ्यर्थी का रिजल्ट अलग-अलग जारी करें.

By Prabhat Khabar | January 5, 2024 8:49 AM

रांची, संजीव सिंह : राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने राज्य के सभी सरकारी विश्व विद्यालयों में पीएचडी प्रवेश परीक्षा, रिजल्ट, मेरिट लिस्ट तथा नामांकन में एकरूपता लाने का निर्देश दिया है. इसके तहत सभी विवि को पीएचडी प्रवेश परीक्षा, रिजल्ट, मेरिट लिस्ट व नामांकन प्रक्रिया यूजीसी रेगुलेशन-2022 के अनुरूप लेने का आदेश दिया गया है. राज्यपाल के आदेश पर प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी विवि के कुलपति/प्रभारी कुलपति को पत्र भेज कर उक्त आदेश का अक्षरश: पालन करने का निर्देश दिया है. राज्यपाल ने विवि से कहा है कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी करें. साथ ही उक्त शैक्षणिक सत्र में संबंधित विषय में उपलब्ध क्वालिफाइड सुपरवाइजर के साथ ही पीएचडी की रिक्त सीट जारी करें. कुलपति से यह भी कहा गया है कि लिखित प्रवेश परीक्षा कुल 100 अंकों की होगी. इसमें 70 अंक के प्रश्न मल्टीपल च्वाइस के होंगे. जिनमें 50 अंक रिसर्च मैथेडोलॉजी तथा 20 अंक संबंधित विषय/एनालाइटिकल स्किल्स पर आधारित होंगे. जबकि 30 अंक रिसर्च डिजाइन/स्कॉलर आइडिया से संबंधित शार्ट (लघु) प्रजेंटेशन के लिए होंगे. सभी विवि को जेआरएफ/नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी तथा पीएचडी प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सूची यूजीसी रेगुलेशन 2022 के तहत अलग-अलग जारी करने को कहा गया है.

  • जेआरएफ/नेट उत्तीर्ण तथा प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी का अलग-अलग रिजल्ट करें जारी

  • कुल 100 अंक में 50 अंक रिसर्च मैथेडोलॉजी व 20 अंक विषय से संबंधित होंगे

  • जबकि 30 अंक रिसर्च डिजाइन/आइडिया पर लघु प्रजेंटेशन में मिलेगा

झारखंड में प्रक्रियाधीन है यूजीसी रेगुलेशन 2022 बनाने की प्रक्रिया

राज्य के सभी सरकारी विवि में पीएचडी यूजीसी रेगुलेशन-2022 तैयार करने की प्रक्रिया अभी चल रही है. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग अंतर्गत उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी विवि के रजिस्ट्रार को पत्र भेज कर कहा था कि यूजीसी (मिनिमम स्टैंडर्ड एंड प्रोसिड्यूर फॉर द अवार्ड अॉफ पीएचडी) रेगुलेशन 2022 को अपने विवि से नियमानुसार पारित करा कर निदेशालय को उपलब्ध करायें. ताकि अग्रेतर कार्रवाई की जा सके. जबकि एक वर्ष बाद भी कई विवि ने रेगुलेशन नियमानुसार पारित करा कर निदेशालय को उपलब्ध नहीं कराया है. फलस्वरूप विवि पूर्व में ही तैयार नियमावली के आधार पर पीएचडी प्रवेश परीक्षा का आयोजन करा रहे हैं.

Also Read: झारखंड प्रशासनिक सेवा बनेगी प्रीमियर सेवा, सीधे एसडीओ बनेंगे अफसर

Next Article

Exit mobile version