सदर अस्पताल के मरीजों को क्यूआर कोड स्कैन कर मिलेगी उपचार की सुविधा

सदर अस्पताल में अब मरीजों को लंबी कतार में खड़ा नहीं होना पड़ेगा. अस्पताल प्रशासन ने ऐसी व्यवस्था की है कि मरीज महज क्यू आर कोड स्कैन करने के बाद टोकन हासिल कर लाइन में लगे बिना सीधे ओपीडी में डॉक्टर के पास पहुंच जायेगा.

By Prabhat Khabar | May 15, 2024 12:54 AM

रांची (वरीय संवाददाता). सदर अस्पताल में अब मरीजों को लंबी कतार में खड़ा नहीं होना पड़ेगा. अस्पताल प्रशासन ने ऐसी व्यवस्था की है कि मरीज महज क्यू आर कोड स्कैन करने के बाद टोकन हासिल कर लाइन में लगे बिना सीधे ओपीडी में डॉक्टर के पास पहुंच जायेगा. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जा रही यह व्यवस्था कारगर रहती है, तो इसे नियमित रूप से सभी जगहों पर लागू कर दिया जायेगा. सदर के बाद राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) और देवघर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भी इसे शुरू किया जा रहा है. फिलहाल, झारखंड में यह पहला सरकारी अस्पताल होगा, जो स्कैन करने के बाद इस तरह की सुविधा उपलब्ध करा रहा है. इस पूरी प्रक्रिया को पेपर लेस बनाया गया है. मरीजों के परिजन इस व्यवस्था से अपना समय बचा सकेंगे. वहीं, अस्पताल प्रबंधक आसानी के साथ भीड़ नियंत्रण कर सकेंगे. आपको बता दें कि सदर अस्पताल में सुविधाएं बढ़ने के साथ ही मरीजों की तादाद एक महीने में 35 से 40 हजार तक पहुंच चुकी है.

टोकन नंबर से लगेगा अपनी बारी का पता

इस व्यवस्था को लागे करने की कवायद पिछले साल अक्तूबर में ही शुरू कर दी गयी थी. इसके लिए टोकन वेंडिंग मशीन लगाने के साथ ही रिसेप्प्शन पर बड़ा टोकन डिस्प्ले और ऐसा ही एक छोटा डिस्प्ले ओपीडी के बाहर भी लगाया गया था. ताकि, अस्पताल परिसर में मरीज जहां भी मौजूद हों, टोकन नंबर के आधार पर उसे अपनी बारी के बारे में पता लग जाये. कोड को पहले स्कैन करना होगा, इसके बाद विभाग चुनने का विकल्प मिलेगा. आखिर में डॉक्टर को दिखाने का नंबर यानी टोकन जेनरेट होगा.

कम समय पर डॉक्टर से कंसल्ट कर सकेंगे मरीज

इस व्यवस्था से मरीजों के साथ उनके परिजनों को सीधा लाभ मिलेगा. क्यूआर कोड स्कैन करने में मदद करने के लिए हॉस्पिटल के स्टाॅफ वहां मौजूद रहेंगे. इससे डॉक्टर्स के साथ ही मरीजों और परिजनों के समय की बचत होगी. कम समय में ही मरीज डॉक्टर से कंसल्ट कर सकेंगे.

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