Patratu Power Plant: पतरातू पावर प्लांट से होने लगा बिजली का उत्पादन, कब से मिलने लगेगी 800 मेगावाट बिजली?

Patratu Power Plant: पतरातू पावर प्लांट से मार्च महीने के अंत तक बिजली मिलने लगेगी. यहां से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा. ये बिजली जेबीवीएनएल को दी जाएगी.

By Guru Swarup Mishra | March 12, 2025 6:13 AM

Patratu Power Plant: रांची-रामगढ़ के पतरातू सुपर थर्मल पावर से इस माह के अंत तक 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा. इसकी पहली यूनिट मंगलवार को दिन के 9.14 बजे सफलतापूवर्क ग्रिड से जोड़ दी गयी. पहले दिन के ट्रायल में 100 मेगावाट तक बिजली उत्पादन हो रहा था. इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि 31 मार्च तक 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा. यह सारी बिजली जेबीवीएनएल को मिलेगी.

अदाणी पावर के बाद 800 मेगावाट की यूनिट का दूसरा पावर प्लांट


झारखंड में अदाणी पावर के बाद 800 मेगावाट की एक यूनिट का यह दूसरा पावर प्लांट है. गोड्डा स्थित अदाणी पावर प्लांट में 800-800 मेगावाट की दो यूनिट है. कुल 1600 मेगावाट उत्पादन हो रहा है. वहीं पतरातू सुपर थर्मल पावर प्लांट में पहले फेज में 800-800 मेगावाट की तीन यूनिट बननी है. पहली यूनिट 31 मार्च तक तथा शेष दो यूनिट इस वर्ष के अंत तक उत्पादन करने लगेगी.

4000 मेगावाट का सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट बनेगा


पतरातू में कुल 4000 मेगावाट का सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट बनाया जाना है. जिसमें प्रथम चरण में 2400 मेगावाट का उत्पादन इसी वर्ष होने लगेगा. शेष 1600 मेगावाट के लिए यूनिट निर्माण की प्रक्रिया अगले वर्ष से शुरू की जायेगी. तीन यूनिट से 80 प्रतिशत बिजली यानी कि 1960 मेगावाट झारखंड को मिलने लगेगी. तब राज्य बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बन जायेगा.

ऐतिहासिक दिन : सीइओ


पीवीयूएनएल के सीइओ आरके सिंह ने कहा कि यह हमारे लिये ऐतिहासिक दिन है. आज हमने पहली यूनिट को सिंक्रोनाइज कर 100 मेगावाट तक उत्पादन किया है. यह हमारी टीम भावना, हमारे प्रमोटर जेबीवीएनएल और झारखंड सरकार के सहयोग से हो सका है. उन्होंने इस सफलता के लिए पीवीयूएनएल , एनटीपीसी और भेल की टीमों के अटूट प्रयास, समर्पण और दृढ़ संकल्प की सराहना की. उन्होंने कहा कि पीवीयूएनएल का अगला लक्ष्य यूनिट एक के लिए इस वित्तीय वर्ष के भीतर वाणिज्यिक संचालन तिथि प्राप्त करना है. इसके अलावा, कंपनी वित्तीय वर्ष 2025-26 में फेज-एक की बची हुई दो इकाइयों की कमीशनिंग के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे भारत की विद्युत उत्पादन क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा.

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