National Lok Adalat 2025: झारखंड में 17 लाख से अधिक केस निबटे, 8 अरब से अधिक का सेटलमेंट

National Lok Adalat 2025: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सह झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष सुजीत नारायण प्रसाद ने शनिवार को नेशनल लोक अदालत का वर्चुअल उद्घाटन किया. इसमें राज्य की विभिन्न अदालतों में लंबित 1.34 लाख केस निबटाए गए. लंबित और प्री लिटिगेशन के कुल 17.05 लाख मामलों का निबटारा किया गया. 8 अरब से अधिक का सेटलमेंट किया गया.

By Guru Swarup Mishra | May 10, 2025 10:13 PM

National Lok Adalat 2025: रांची, राणा प्रताप-वर्ष 2025 की दूसरी नेशनल लोक अदालत शनिवार को झारखंड की विभिन्न अदालतों में लंबित एक लाख 34 हजार 695 केस का निष्पादन किया गया. लंबित केस और प्री लिटिगेशन को मिला कर कुल 17 लाख पांच हजार 507 मामले निबटाये गए. इसके साथ ही कुल 809 करोड़ 17 लाख 40 हजार 286 रुपए का सेटलमेंट किया गया. झारखंड हाईकोर्ट में आयोजित नेशनल लोक अदालत में 19 लंबित केस निष्पादित किए गए. इसके लिए झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) के निर्देशन में पूरे राज्य में लगभग 330 बेंच का गठन किया गया था.

शिक्षा से दूर होगी डायन कुप्रथा-जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद


नेशनल लोक अदालत और राज्यस्तरीय विधिक सेवा सह सशक्तीकरण शिविर का आयोजन नया नगर भवन लोहरदगा में किया गया. झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष सह हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने नेशनल लोक अदालत का वर्चुअल उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में डायन कुप्रथा व्याप्त है. डायन कुप्रथा को समाप्त करना अत्यंत जरूरी है. इसके लिए ग्रामीण इलाकों के बच्चों को शिक्षित करना अति आवश्क है. तभी डायन प्रथा जैसी कुरीति को समाप्त किया जा सकेगा. शिक्षा से ही सती प्रथा जैसी कुरीति दूर हो सकी थी.

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मध्यस्थता मामले को सुलझाने का सबसे बढ़िया रास्ता


झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि आज महिलाएं कई क्षेत्रों में पुरुषों से आगे निकल गयी हैं. हर सेवा में अपना योगदान दे रही हैं. आज महिला सशक्त हो रही है. उनका आत्मविश्वास समाज और देश को आगे ले जाएगा. किसी मामले की मध्यस्थता कराना ज्यादा बेहतर विकल्प है. लोक अदालत में मध्यस्थता के जरिए मामले सुलझाये जाते हैं, जिससे आपसी रिश्तों में खटास भी नहीं आती है और उस रिश्ते को बेहतर बनाने में मदद भी मिलती है. इस तरह मध्यस्थता कर मामले को सुलझाना सबसे बढ़िया रास्ता होता है. आपके बीच कानूनी सहायता संबंधी जानकारी देना, कल्याणकारी योजनाओं को आप तक पहुंचाना, इस राज्यस्तरीय विधिक सेवा सह सशक्तीकरण शिविर का उद्देश्य है.

झालसा को केस निष्पादन में दो बार मिला है प्रथम स्थान


झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि स्कूलों में लीगल लिटरेसी क्लब का गठन किया गया है, जिससे बच्चों को कानूनी जानकारी मिलती है और अन्य को भी वे जागरूक करते हैं. झालसा/डालसा आप सभी को कानूनी सहायता या अन्य किसी प्रकार की सहायता के लिए हमेशा तत्पर है. प्रत्येक गांव व पंचायत में पारा लीगल वॉलेंटियर्स हैं, जो आपकी सहायता के लिए तत्पर हैं. हमारा उद्देश्य किसी भी प्रकार की भेदभाव को समाप्त करना है. उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल लोक अदालतों में झालसा को केस निष्पादन में दो बार प्रथम स्थान मिला है. यह आप सभी का प्रयास है.

आपसी सहमति से केस का निबटारा बेहतर विकल्प


झारखंड हाईकोर्ट की न्यायाधीश और लोहरदगा की प्रशासनिक जज जस्टिस अनुभा रावत चौधरी ने कहा कि आपसी सहमति से किसी मामले का निवारण किया जाना सबसे बेहतर विकल्प है. इससे न सिर्फ भाईचारा बढ़ता है, बल्कि भविष्य में रिश्तों को ठीक करने का विकल्प खुला रहता है. लोक अदालत में संपत्ति, वैवाहिक, वित्तीय समेत अन्य के मामले सुलझाए जा सकते हैं. कार्यक्रम में जिले के 10 हजार लाभुकों के बीच 10 करोड़ रुपए की परिसंपत्ति का वितरण किया गया. इस अवसर पर झालसा की सदस्य सचिव रंजना अस्थाना सहित वरीय न्यायिक पदाधिकारी, उपायुक्त, एसपी, अधिवक्ता सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.

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