नवाचार की रक्षा बौद्धिक संपदा अधिकार के बिना संभव नहीं : विशेषज्ञ

भारथी काॅलेज ऑफ एजुकेशन कंदरी में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का रविवार को समापन हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | September 21, 2025 9:34 PM

मांडर. भारथी काॅलेज ऑफ एजुकेशन कंदरी में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का रविवार को समापन हुआ. संगोष्ठी में बौद्धिक संपदा अधिकार, नवाचार, समाज और शिक्षा विषय पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया. दूसरे दिन संगोष्ठी में शिक्षाविद डाॅ केके नाग मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. इस अवसर पर त्रिभुवन विश्वविद्यालय नेपाल के कमल कुमार बोस, डाॅ दीर्घ राज जोशी, ह्यूस्टन विश्वविद्यालय अमेरिका के डाॅ इला प्रसाद सहित अन्य वक्ताओं ने विचार रखे. विद्वानों ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार आधुनिक समाज में न केवल नवाचार की रक्षा करते हैं, बल्कि शोधकर्ताओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों और उद्योग जगत को आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देते हैं. समाज के संदर्भ में वक्ताओं ने बताया कि कला, साहित्य, लोककला और संस्कृति की रक्षा बौद्धिक संपदा अधिकारों के बिना संभव नहीं है. वहीं, नवाचार की दृष्टि से यह निष्कर्ष निकला कि ये अधिकार नये आविष्कारों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने तथा युवाओं को शोध और उद्यमिता की ओर प्रेरित करने का सशक्त साधन है. संगोष्ठि में कॉलेज की प्राचार्या डाॅ दीपाली पराशर, कोऑर्डिनेटर मनोज कुमार गुप्ता, डीन उपेंद्र उपाध्याय व विवेक राज जायसवाल ने विचार रखे. इस दौरान प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया. धन्यवाद ज्ञापन राकेश कुमार राय ने किया. मौके पर पद्मश्री मुकुंद नायक, भगवान बिरसा मुंडा के वंशज बुधराम मुंडा, जेसीआरटी के विंध्याचल पांडेय, गोस्सनर कालेज रांची के एचओडी प्रदीप कुमार गुप्ता, जेवियर कॉलेज रांची के पूर्व एचओडी कमल कुमार बोस, भारथी काॅलेज ऑफ एजुकेशन के सचिव नितिन पराशर सहित अन्य उपस्थित थे.

भारथी काॅलेज ऑफ एजुकेशन कंदरी में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

फोटो है मांडर 1 व 2, अतिथियों को सम्मानित करने का और संगोष्ठी में उपस्थित लोगों काB

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