Ranchi News : बंगला समुदाय का प्रमुख पर्व लखी पूजा कल

बांग्ला समुदाय का प्रमुख पर्व लखी पूजा छह अक्तूबर को उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जायेगा.

By MUNNA KUMAR SINGH | October 5, 2025 1:01 AM

रांची. बांग्ला समुदाय का प्रमुख पर्व लखी पूजा छह अक्तूबर को उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जायेगा. इस अवसर पर बांग्ला मंडपों और बंगला समुदाय के घर-घर में मां लखी (लक्ष्मी देवी) की पूजा-अर्चना की जायेगी. बंग मंडपों में जहां मूर्ति पूजा होगी, वहीं कई घरों में मां की तस्वीर स्थापित कर पूजा की जायेगी. छह अक्तूबर की रात 11:25 बजे पूर्णिमा लग रही है, जो अगले दिन मंगलवार की सुबह 9:30 बजे तक रहेगी. चूंकि कोजागरी लखी पूजा का विधान रात में करने का है. इसलिए इस वर्ष पूजा शाम सात बजे के बाद से कभी भी की जा सकती है. कोजागरी का अर्थ है ‘कौन जाग रहा है’, इसलिए इस पूजा में व्रतधारी रात भर जागरण करते हैं. मान्यता है कि मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू भी पूरी रात जागता है. पूजा में मां को मुख्य रूप से चूड़ा, दही और गुड़ का भोग अर्पित किया जायेगा. इसके साथ ही कई घरों में नारियल, फल-फूल, मिठाई, खीर और खिचड़ी भी भोग स्वरूप चढ़ाई जायेगी. दुर्गाबाड़ी के पुजारी सह सचिव गोपाल भट्टाचार्य ने बताया कि बंगाली परिवारों में इस पूजा का विशेष स्थान है. महिलाएं उपवास रखकर मां लक्ष्मी की आराधना करती हैं. उन्होंने बताया कि जिन बंग मंडपों में दुर्गा पूजा होती है, वहां मां दुर्गा के विसर्जन के बाद मां लखी की पूजा अनिवार्य रूप से की जाती है, तभी पूजा को पूर्ण माना जाता है. मां दुर्गा के विसर्जन के समय मां लक्ष्मी की मानसिक पूजा की जाती है. इसलिए दुर्गा विसर्जन के बाद, शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को आश्विन माह में कोजागरी लखी पूजा होती है.

छह अक्तूबर को यहां होगी लक्खी पूजा

दुर्गाबाड़ी, देशप्रिय क्लब, हरिमति मंदिर, जगन्नाथ सार्वजनिन समिति सेक्टर-2, नेताजी समिति कांटाटोली, आपोन जोन समिति सिंहमोड़ में शाम सात बजे से होगी. इसके अलावा हिनू बांग्ला मंडप में शाम 07.45 बजे से पूजा होगी.

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