करमा पूजा की तैयारी पूरी, ढोल-मांदर की थाप पर आज शाम झूमेंगे खलारीवासी
खलारी कोयलांचल समेत ग्रामीण इलाकों में करमा पूजा को लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है.
खलारी. खलारी कोयलांचल समेत ग्रामीण इलाकों में करमा पूजा को लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. करमा पूजा को लेकर बच्चियों में काफी उत्साह है. बुधवार की सुबह भेलवाफरी पूजा की जाएगी. इसके बाद भेलवा और करम डाली को चूरकर खेतों में डाले जाने का काम किया जाएगा. शाम को करम की डाली की संस्कृति स्थल (अखरा) में सामूहिक पूजा की जाएगी. करकट्टा मैनेजर बंगला के निशा कुमारी, काजल कुमारी, महिमा कुमारी, माही कुमारी सहित कई युवतियों ने बताया कि करमा पर्व शुरू होने के कुछ दिनों पहले नदी जाकर डलियों में बालू लायी. इसके बाद गीले कपड़ों में पदयात्रा करते हुए बालू की डलियों में जौ, उरद, मक्का, धान आदि डाल दिए जाते हैं, इसे जावा कहा जाता है. इसी जावा को वे करमा पर्व के दिन करम डाली के समीप पूजा-अर्चना करती हैं. इसके बाद अपने बालों में गूंथकर झूमती-नाचती हैं. तुमांग पंचायत के गणेश पाहन ने बताया कि करम पर्व के दिन बहनें अपने भाईयों की सलामती के लिए व्रत रखती हैं. भाई करम वृक्ष की डाल को घर के आंगन में गाड़ते हैं और प्रकृति के आराध्य देव मानकर पूजा करते हैं.
करमा को लेकर बच्चियों और युवतियों में उत्साह
भादो माह एकादशी के दिन मनाया जाने वाला प्रकृति का पर्व करमा पूजा तीन सितंबर बुधवार की शाम पूरे खलारी-कोयलांचल ढोल और मांदर की थाप पर झूम उठेगा. क्षेत्र में जगह-जगह मनने वाली करमा पूजा को लेकर तैयारी लगभग हो चुकी है. सरना स्थल में बुधवार की सुबह भेलवाफरी का सामूहिक पूजा की जाएगी. यह पर्व को लेकर बच्चियां एवं युवतियां को इंतजार रहता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
