झारखंड की बाइकर गर्ल कंचन उगरसांडी के पिता का निधन, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जताया दुख
Kanchan Ugursandi: झारखंड की मशहूर बाइकर गर्ल कंचन उगरसांडी के पिता का निधन हो गया है. नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनके पिता के निधन पर संवेदना व्यक्त की है. कंचन ने पिछले साल लिपुलेख पास सहित 18 पर्वतीय दर्रे पार किये थे.
Kanchan Ugursandi, रांची : झारखंड की बाइकर गर्ल और लिपुलेख पास पर्वत को फतह करने वाली युवती कंचन उगरसांडी के पिता का निधन हो गया है. ये जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट करके दी है. भाजपा के नेता प्रतिपक्ष सह प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कंचन उगरसांडी के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि पिता का साया उठ जाना जीवन का सबसे बड़ा आघात होता है. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं आपके और आपके परिवार के साथ है. ईश्वर से दिवंगत आत्मा के शांति की प्रार्थना करता हूं.
19 नवंबर को पिता के तबीयत खराब होने की दी थी सूचना
इससे पहले कंचन उगरसांडी ने 19 नवंबर को अपने पिता के तबीयत खराब होने के जानकारी एक्स हैंडल पर ट्वीट करके दी थी. उस वक्त उन्होंने लिखा था कि देर रात करीब बारह बजे घरवालों ने बताया कि पापा की तबियत अचानक खराब हो गयी है. उनके पिता को कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद उनके पिता को HDU में रखा गया. बाइकर गर्ल उस वक्त दिल्ली में थी.
Also Read: धनबाद के PMGSY की सड़कें बनी ‘धूल वाली सड़क’, शिलापट्ट हटा, काम भी गायब
पिछले साल कंचन उगरसांडी ने पार किया था लिपुलेख पास
झारखंड की बाइकर गर्ल ने कंचन उगरसांडी ने पिछले साल 25 दिन में 18 पर्वतीय दर्रों को पार करते हुए लिपुलेख पास को भी पार कर लिया था. वो विश्व की उस सबसे ऊंची उमलिंगला पास को भी पार किया था, जहां मोटरसाइकिल चलाई जा सकती है. यह पास 19300 फुट की ऊंचाई पर है. लिपुलेख दर्रा को पार करने पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और सरायकेला के विधायक चंपाई सोरेन ने कंचन को बधाई और शुभकामनाएं दी थीं.
Also Read: Matkuria Firing Case: मटकुरिया गोलीकांड में फैसला टला, अब 6 दिसंबर को आयेगा फैसला
