Political news : प्रस्तावना से समाजवाद व धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने की मांग संविधान विरोधी : सुप्रियो
झामुमो ने निर्वाचन आयोग व आरएसएस की मंशा पर उठाया सवाल.
रांची. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किये गये गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम का विरोध किया है. पार्टी का आरोप है कि यह कदम बिहार में अफरा-तफरी का माहौल पैदा करने की कोशिश है, जिससे राष्ट्रपति शासन का रास्ता तैयार हो सके. वहीं, झामुमो ने आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के बयान का भी विरोध किया है, जिसमें उन्होंने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने की मांग की है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आरएसएस की यह मांग संविधान विरोधी है. इसका उद्देश्य देश की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक शक्ति को मुट्ठी भर लोगों में सिमटाना है. उन्होंने कहा कि बिहार में शुरू किये गये गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम में आधार कार्ड और इपिक नंबर को भी दस्तावेज के रूप में स्थान नहीं दिया गया है. इससे गरीबों, दलितों और कमाने के लिए बिहार से बाहर गये मतदाताओं के नाम कटेंगे, जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा.
बिहार चुनाव में झामुमो मजबूती से निभायेगा अपनी भूमिका
बिहार में इंडिया गठबंधन द्वारा सीटों के बंटवारे के सवाल पर श्री भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो बिहार में महागठबंधन और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगा. उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन झामुमो अपनी भूमिका मजबूती से निभायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
