बजट गोष्ठी पर सीएम हेमंत का केंद्र सरकार पर निशाना, बोले- नहीं मिल पाता अपेक्षित सहयोग, मिले कई सुझाव

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट गोष्ठी पर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कई तरह के मामलों में केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता. कई तरह की रुकावटों का सामना करना पड़ता है. साथ ही सात हेमंत सोरन को जरूरी सुझाव भी मिले हैं

By Prabhat Khabar | January 28, 2022 7:21 AM

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी बहुल झारखंड अलग तरह का राज्य है. राज्य की 40 प्रतिशत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को यहां के बैंक सहयोग नहीं करते हैं. ऑनलाइन और कैसलेश का दौर परिस्थितियों को और कठिन बना देता है. कई बार विकास कार्य केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से होता है.

राज्य को इसमें कई तरह की रुकावटों का सामना करना पड़ता है. कई तरह के मामलों में केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता. मुख्यमंत्री वित्त विभाग द्वारा आयोजित बजट गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन में अव्वल होने के बाद भी राज्य आर्थिक संसाधनों में कमजोर है. कोविड-19 महामारी से भी हम जैसे राज्य प्रभावित हुए हैं.

ऐसे में राज्य को बेहतर दिशा देने के लिए लोगों का नजरिया जानने का प्रयास हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पीडीएस सिस्टम से अनाज गरीबों को आगे बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि उनको जिंदा रखने के लिए दिया जाता है. राज्य में गरीबी का आलम यह है कि आदमी को जिंदा रखना सरकार की प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोष्ठी से मिली शिक्षा की बेहतरी के लिए सुझाव पर सरकार गंभीरता से कार्य करेगी.

मॉडल स्कूलों का निर्माण किया जा रहा है. बच्चों को अपनी भाषा और संस्कृति के साथ आगे बढ़ाने के लिए ट्राइबल यूनिवर्सिटी शुरू की जा रही है. अब राज्य सरकार ने खनिज संपदा से हट कर कार्य करना शुरू किया है.

मिले महत्वपूर्ण सुझाव

छठी कक्षा से कोडिंग और रोबोटिक्स की पढ़ाई शुरू करायें

स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जारी करें

झारखंड को ऑर्गेनिक फॉर्मिंग राज्य बनाया जाये, कमीशन बने

एक गांव, एक उत्पादन की नीति पर काम हो, हाई वैल्यू क्राॅप बढ़ायें

कोल्ड स्टोरेज बढ़े, सब्जी निर्यात के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करें

खेतों में एक से अधिक फसल लेने की नीति अपनायें

मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान हो, एफपीओ को अनुदान दें

इंजीनियरिंग कॉलेज बनायें, मॉडल स्कूलों की संख्या बढ़ायें

कृषि में भी कैपिटल सब्सिडी की व्यवस्था करें

आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ायें, उसका रेट रिवाइज करें

कोरोना से बच्चों की छूट चुकी पढ़ाई की स्कूलों में भरपाई हो

जिला अस्पतालों में कॉर्डियक यूनिट स्थापित करें

हाइड्रोजन एनर्जी की तरफ आगे बढ़ें, झारखंड स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की स्थापना करें

Posted by : Sameer Oraon

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