झारखंड में डायन बिसाही हत्या की रोकथाम के लिए पुलिस व सीआइडी चलाएगी संयुक्त अभियान, इन बिंदुओं पर तैयार की गयी योजना

वहीं सभी जिला के एसपी समेत सीआइडी के डीआइजी को नोडल अफसर बनाया गया है. डायन-बिसाही के मामले में दर्ज केस में स्पीडी ट्रायल भी होगा. बताया जाता है कि सभी एसपी पिछले पांच वर्षों से डायन-बिसाही से संबंधित दर्ज मामले की समीक्षा करेंगे. एडीजी सीआइडी इसकी मॉनीटरिंग करेंगे. वहीं ग्रामीणों को जागरूक करेंगे.

By Prabhat Khabar | April 24, 2021 11:47 AM

Ranchi news, Witch Craft News In Jharkhand रांची : राज्य में डायन-बिसाही के नाम पर हो रही हत्या की रोकथाम के लिए पुलिस मुख्यालय ने हाइकोर्ट के निर्देश पर 14 बिंदुओं पर योजना तैयार की है. इन घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस, सीआइडी और स्पेशल ब्रांच की ओर से संयुक्त रूप से काम किये जायेंगे. स्पेशल ब्रांच का काम सूचना एकत्र कर पुलिस को देना होगा.

वहीं सभी जिला के एसपी समेत सीआइडी के डीआइजी को नोडल अफसर बनाया गया है. डायन-बिसाही के मामले में दर्ज केस में स्पीडी ट्रायल भी होगा. बताया जाता है कि सभी एसपी पिछले पांच वर्षों से डायन-बिसाही से संबंधित दर्ज मामले की समीक्षा करेंगे. एडीजी सीआइडी इसकी मॉनीटरिंग करेंगे. वहीं ग्रामीणों को जागरूक करेंगे.

इन बिंदुओं पर तैयार की गयी योजना

  • सभी जिला के एसपी व सीआइडी के डीआइजी नोडल अफसर बनाये गये.

  • डायन बिसाही के मामले में स्पीडी ट्रायल के लिए एसपी अपने स्तर से जिला के प्रधान जिला न्यायाधीश को अनुरोध करेंगे. वहीं गवाहों को न्यायालय में सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेवारी थाना प्रभारी को देंगे.

  • एसपी संवेदनशील स्थानों का चयन का सूचना एकत्र करने के लिए योग्य एवं संवेदनशील पदाधिकारी और कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करेंगे. समय-समय पर इसकी समीक्षा भी करेंगे.

  • जिन इलाके में पूर्व में घटना हो चुकी है, उस क्षेत्र में विशेष निगरानी रखते हुए थाना प्रभारी घटना की सूचना तत्काल एसपी को देंगे. घटनास्थल पर पहुंच कर कार्रवाई करेंगे.

  • पुलिस पदाधिकारी स्थानीय पुजारी, पाहन व भगत इत्यादि को चिह्नित कर उनसे निजी मुचलका भरवायेंगे, ताकि डायन-बिसाही के मामले में स्थानीय स्तर पर रोकथाम हो सके.

  • डायन-बिसाही जैसी कुरीतियों की रोकथाम के लिए स्थानीय चौकीदार और एसपीओ को विशेष प्रशिक्षण दिये जायेंगे.

  • ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए गठित दल में महिला आरक्षी या चौकीदार की उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी, ताकि दल का सहयोग अनुसंधान में लिया जा सके.

  • एसपी अंधविश्वास फैलाने वाले ओझा-गुणी के बाद सूचना हासिल करने के लिए स्थानीय लोगों से सहयोग लेंगे और कानूनी कार्रवाई करेंगे.

  • सभी एसपी डीसी से समन्वय स्थापित कर स्थानीय कलाकारों के सहयोग से नुक्कड़ नाटक का मंचन कर स्थानीय बाजारों में लोगों को जागरूक करेंगे.

  • प्रत्येक जिला में हेल्पलाइन स्थापित होंगे, ताकि ऐसे मामलों की सूचना तुरंत प्रशासन को प्राप्त हो सके.

  • दान विषय से संबंधित मामले में कार्रवाई की जानकारी सभी एसपी झालसा के सचिव को देंगे, ताकि मामले में उनका भी मंतव्य प्राप्त किया जा सके.

  • सभी एसपी अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों के माध्यम से घटना रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई करेंगे. ऐसा नहीं करने पर दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी.

  • सभी एसपी पिछले पांच वर्षों से डायन-बिसाही से संबंधित दर्ज मामले की समीक्षा करेंगे. एडीजी सीआइडी इसकी मॉनीटरिंग करेंगे.

Posted By : Sameer Oraon

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