साइकिल से लोगों को जागरूक करने निकले कमल, बता रहे हैं कैसे बचें कोरोना वायरस से

साइकिल से दिल्ली, कोलकाता की भी कर चुके हैं यात्रा

By PankajKumar Pathak | March 23, 2020 4:26 PM

रांची : सोशल मीडिया पर आपने बड़े स्टार्स को कोरोना वायरस पर जानकारी देते देखा होगा. इस वायरस से बचाव के लिए इन स्टार्स के साथ कमल मंडल जैसे लोग भी हैं जो अपना योगदान लोगों को जागरूक करने के लिए दे रहे हैं. कमल ची में टाटी सिलवे के रहने वाले कमल मंडल अपने साइकिल से कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने में लगे हैं. कमल कहते हैं मैं जानता हूं कि लोगों से दूरी बनाकर रखनी है लेकिन लोग साइकिल देखते हैं इसमें लिखा संदेश पढ़ते हैं.

मैंने कोई अलग संदेश नहीं दिया वहीं बातें हैं जो लोग पहले से जानते हैं लेकिन मैं साइकिल से निकला हूं लोग यह देखेंगे समझेंगे कि इस वायरस को लेकर और जागरुख करने की जरूरत है. मैं पैसे से तो लोगों की मदद नहीं कर सकता लेकिन शरीर से और समय से तो मदद कर सकता हूं. साइकिल में पोस्टर मैंने खुद लगाया है संदेश लिखा है और सुबह से रांची के अलग- अलग जगहों पर घूम कर लोगों को जागरुक करने की कोशिश कर रहा हूं.

पहले भी करते रहें हैं जागरुकता का काम

कमल मंडल पहले भी समाज को जागरुक करने काम कर चुके हैं. 30 वर्षों से समाज के लिए जागरुकता का काम कर रहे हैं. कमल कहते हैं मैं देख रहा हूं सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही है लगा कि मैं भी अपने स्तर से जागरुख करने का काम करूं. 1990 में राष्ट्रीय एकता का मशाल लेकर जमशेदपुर दौड़ कर गये थे. 1990 में ही पर्यावर जागरुकता को लेकर दिल्ली गये थे 1994 में कोलकाता, 1995 में पूरा बिहार जिसमें गरीब असहाय चेतना जागरुकता अभियान था जिसमें कई मुद्दे थे.

झारखंड रत्न से हैं सम्मानित

कमल मंडल बताते हैं कि मैंने सर पर मैला ढोने वालों के काम से छुटकारा के लिए काम किया. साल 2008 में मुझे झारखंड रत्न पुरस्कार मिला. 2010 में झारखंड सेवा रत्न पुरस्कार मिला. समाज के लिए किये गये इस काम की वजह से मेरी सराहना हुई तो उत्साह और बढ़ गया. मैंने समाज की कई बुराइयों को दूर करने के लिए काम किया है. मैंने हर दौर देखा है गरीबी देखी है एक वक्त था जब होटल में जुठा बर्तन भी धोया है.

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