मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऊर्जा विभाग के इन भ्रष्ट पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर करने के प्रस्ताव को दी मंजूरी

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऊर्जा विभाग के भ्रष्ट पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. ज्रेडा के पदाधिकारियों पर पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने का आरोप है. एसीबी(एंटी करप्शन ब्यूरो) द्वारा अब भ्रष्ट पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2020 3:39 PM

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऊर्जा विभाग के भ्रष्ट पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. ज्रेडा के पदाधिकारियों पर पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने का आरोप है. एसीबी(एंटी करप्शन ब्यूरो) द्वारा अब भ्रष्ट पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जायेगी.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड (अतिरिक्त प्रभार-प्रबंध निदेशक, झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड) के तत्कालीन निदेशक निरंजन कुमार, ज्रेडा के तत्कालीन परियोजना निदेशक अरविंद कुमार, बलदेव प्रसाद और टीवीएनएल (प्रतिनियुक्ति-ज्रेडा) के विद्युत कार्यपालक अभियंता श्रीराम सिंह के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने के मामले में एफआईआर दर्ज करने एवं दिए गए दो सुझावों के साथ अनुसंधान के प्रस्ताव को सीएम हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी है.

इन सुझावों के तहत अनुसंधानकर्ता द्वारा अनुसंधान के क्रम में सभी आरोपी पदाधिकारियों को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जायेगा. अनुसंधान एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा ऊर्जा विभाग के द्वारा इस मामले को लेकर गठित समिति के प्रतिवेदन में दिए गए तथ्यों पर विचार किया जायेगा.

Also Read: Jharkhand Assembly By-Election 2020 : दुमका में बीजेपी सांसद सुनील सोरेन ने क्यों कहा कि बदलाव के मूड में है जनता

आपको बता दें कि इन पदाधिकारियों के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने संबंधी परिवाद पत्र दायर किया गया था. इसके आलोक में मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को प्रारंभिक जांच के लिए प्राधिकृत किया गया था. एसीबी ने परिवाद पत्र में दर्ज सभी आरोपों की प्रारंभिक जांच कर तथ्यों के साथ अबतक उपलब्ध साक्ष्य एवं दस्तावेजों के आधार पर तीनों पदाधिकारियों के विरुद्ध विस्तृत अनुसंधान के लिए कांड अंकित करने की अनुशंसा की थी.

Also Read: Jharkhand Assembly By-Election 2020 : बाबूलाल मरांडी ने क्यों कहा कि दुमका में बसता है झामुमो का प्राण, झारखंड की तरक्की के लिए करें बीजेपी को वोट

एसीबी द्वारा प्रतिवेदन समर्पित किए जाने के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने उसकी समीक्षा करने के बाद संबंधित प्रशासी विभाग (ऊर्जा) की सहमति/ मंतव्य प्राप्त कर कांड दर्ज करने के लिए अनुमति मांगी थी. इसके लिए ऊर्जा विभाग को जांच प्रतिवेदन भेजा गया था.

Also Read: Bonded Child Labor : झारखंड में एक बेबस पिता जब नहीं चुका सका कर्ज, तो अपने 10 साल के जिगर के टुकड़े को रख दिया बंधक, पढ़िए फिर क्या हुआ ?

ऊर्जा विभाग द्वारा इसके आलोक में तीनों आरोपी पदाधिकारियों से पक्ष (प्रतिवेदन) मांगा गया था. उनके द्वारा पक्ष रखे जाने के बाद विभाग की ओर से उसकी समीक्षा को लेकर समिति गठित की गयी थी. इस समिति ने मामले की समीक्षा करने के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को प्रतिवेदन सौंपा. ऐसे में विभागीय मंतव्य को एसीबी द्वारा विचारित करने एवं कांड दर्ज करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दे दी है.

Also Read: भूख हड़ताल पर बैठे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती, चाईबासा विधायक ने सीएम हेमंत सोरेन से की ये मांग

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version