झारखंड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में न्यूनतम योग्यता में संशोधन, 2404 पदों पर जल्द होगी बहाली

प्रोफेसर के लिए कम से कम चार वर्ष की नियमित सेवा जरूरी है. प्रतिनियुक्ति के पद तभी भरे जायेंगे, जब सीधी नियुक्ति से स्वीकृत पद खाली रह जायेंगे.

By Prabhat Khabar | November 23, 2023 6:42 AM

रांची : जेपीएससी राज्य में 2404 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करेगा. राज्य सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता में संशोधन कर दिया है. इसके तहत कोरोना काल के समय एक जुलाई 2023 तक पीएचडी अनिवार्य करने संबंधी निर्णय में अब संशोधन कर दिया है. पीएचडी की बाध्यता जहां समाप्त कर दी गयी है, वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए नेट/जेट को न्यूनतम योग्यता निर्धारित की गयी है. पीएचडीधारी को नेट/जेट से छूट रहेगी.

इसके अलावा राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि एसोसिएट प्रोफेसर के कुल स्वीकृत पद की एक चौथाई यानी 25 प्रतिशत पद प्रतिनियुक्ति से भरे जायेंगे. एसोसिएट प्रोफेसर के लिए कम से कम तीन वर्ष की नियमित सेवा जरूरी है. इसी प्रकार प्रोफेसर के भी कुल स्वीकृत पद की एक चौथाई यानी 25 प्रतिशत पद प्रतिनियुक्ति से भरे जायेंगे. प्रोफेसर के लिए कम से कम चार वर्ष की नियमित सेवा जरूरी है. प्रतिनियुक्ति के पद तभी भरे जायेंगे, जब सीधी नियुक्ति से स्वीकृत पद खाली रह जायेंगे.

राज्य सरकार ने प्रतिनियुक्ति में वैसे शिक्षक को ही अहमियत दी है, जो झारखंड के बाहर के राज्य विवि या फिर केंद्रीय विवि से जुड़े होंगे. राज्य के अंदर के विवि के शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर नहीं आ सकेंगे. प्रतिनियुक्ति पांच वर्ष के लिए होगी, जबकि अगले पांच वर्ष के लिए विस्तार दिया जा सकेगा. प्रतिनियुक्त शिक्षक की आयु अधिकतम 62 वर्ष तक ही होगी.

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प्रतिनियुक्त शिक्षकों को मूल वेतन का 10 प्रतिशत व अधिकतम नौ हजार रुपये भत्ता भी मिलेगा. नयी नियमावली के तहत अब प्रतिनियुक्ति का अधिकार विवि चयन समिति का होगा और साल भर आवेदन आमंत्रित किये जा सकेंगे.

राज्य सरकार ने शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए ओरिएंटेशन व रिफ्रेशर कोर्स की अवधि 31 दिसंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दी है. एसोसिएट प्रोफेसर के लिए उनके निर्देशन में पीएचडी रजिस्ट्रेशन जरूरी है, जबकि प्रोफेसर के लिए उनके निर्देशन में अभ्यर्थी का पीएचडी उत्तीर्ण होना जरूरी है. राज्य सरकार ने झारखंड के विवि में यूजीसी नियमावली के तहत ही प्रोफेसर इन प्रैक्टिस के तहत नियुक्ति की स्वीकृति प्रदान कर दी है.

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