भारथी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू
भारथी कॉलेज ऑफ एजुकेशन कंदरी में बौद्धिक संपदा अधिकार, नवाचार, समाज व शिक्षा विषय को लेकर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
प्रतिनिधि, मांडर.
भारथी कॉलेज ऑफ एजुकेशन कंदरी में बौद्धिक संपदा अधिकार, नवाचार, समाज व शिक्षा विषय को लेकर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ शनिवार को किया गया. संगोष्ठी में रांची विवि के डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू ने आइपीआर की शिक्षा और समाज में उपयोगिता पर विचार रखे. डॉ दीपाली पराशर ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार केवल कानूनी ढांचे का हिस्सा नहीं, बल्कि यह आज की बदलती दुनिया में नवाचार, अनुसंधान और शिक्षा के मूल में स्थित है. काॅलेज के आइक्यूएसी समन्वयक मनोज कुमार गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया. कहा कि बौद्धिक संपदा जैसे कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क, एआइ टैग, रचनात्मक कार्यों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करते हैं. बौद्धिक संपदा अधिकार नवाचार, शिक्षा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा कि विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की 2024 रिपोर्ट के अनुसार भारत आइपीआर के क्षेत्र में वैश्विक शीर्ष 10 देशों में शामिल है. संगोष्ठी में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये. प्रथम सत्र की ऑनलाइन अध्यक्षता ग्वांगडोंग यूनिवर्सिटी चीन के डॉ विवेक मणि त्रिपाठी ने की. द्वितीय सत्र में पेटेंट व डिजाइंस कार्यालय दिल्ली के डॉ राजू तिवारी मुख्य वक्ता थे. धन्यवाद ज्ञापन शालिनी टोप्पो ने किया. संगोष्ठी में काशी हिंदू विवि के पूर्व फैकल्टी प्रो प्रेम शंकर राम, त्रिभुवन विवि नेपाल के प्रो. दीर्घ राज जोशी, आरएमएलएयू अयोध्या के प्रो शिवशरण शुक्ल, सिद्धार्थ विवि के पूर्व डीन प्रकाश मिश्रा, संस्थान की अध्यक्ष छवि सिन्हा, सचिव नितिन पाराशर व अब्दुल बारी शामिल हुए.मांडर 3, संगोष्ठी में उपस्थित अतिथि व अन्य.B
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