इनोवेटिव आइडिया देने में ग्रामीण स्कूलों के बच्चे आगे, इंस्पायर अवार्ड में झारखंड के 101 छात्रों का चयन

इंस्पायर अवार्ड 2021-2022 के लिए झारखंड के 101 विद्यार्थियों का चयन हुआ है. इसकी घोषणा विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने की. इसमें खास बात ये है कि इसमें चयनित ज्यादातर बच्चे ग्रामीण इलाके के हैं. इस प्रतियोगिता में 500 से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था.

By Prabhat Khabar | January 14, 2022 9:20 AM

रांची : झारखंड के 101 विद्यार्थियों का चयन इंस्पायर अवार्ड 2021-2022 के लिए हुआ है. इसकी घोषणा हाल ही में विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने की. इनोवेटिव आइडिया देनेवाले ये विद्यार्थी अब राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे. चयनित हुए ज्यादातर विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों से हैं.

इंस्पायर अवार्ड के लिए राज्यभर के स्कूलों में पढ़ रहे नौंवी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों से इनोवेटिव आइडिया की मांग की गयी थी. इस प्रतियोगिता में 500 से अधिक विद्यार्थियों ने अपना आइडिया जिलास्तरीय प्रतियोगिता में पेश किया था.

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडली में शामिल डॉ विवेक कुमार व टीम ने विद्यार्थियों के आइडिया से बेहतर मॉडल का चयन राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए किया है. इस वर्ष देशभर से 1500 से अधिक विद्यार्थी इंस्पायर अवार्ड में शामिल हो रहे हैं. राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में अंतिम रूप से 60 आइडिया का चयन होगा.

धुआं ज्यादा होने पर उसे बाहर निकालेगी मशीन

केजीबीवी बेड़ो की 10वीं कक्षा की छात्रा महिमा केरकेट्टा ने ‘स्मोक एब्जॉर्बिंग मशीन’ तैयार किया है. छात्रा को इसका आइडिया घर में लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनने से भरनेवाले धुआं को हटाने के क्रम में आया. छात्रा ने सामान्य कार्डबोर्ड, मोटर फैन और पाइप की मदद से मॉडल को तैयार किया है. साथ ही स्मोक सेंसर लगाया है, जो घर में धुआं भरने की स्थिति में ऑटोमेटिक स्टार्ट हो जायेगा और पाइप की मदद से धुआं को कमरे से खाली कर बाहर भेजेगा.

ऐसी टोपी, जो सोशल डिस्टैंसिंग का करायेगी पालन

एसएस प्लस टू स्कूल डोरंडा की 10वीं कक्षा की छात्रा सालहिन परवीन ने ‘सोशल डिस्टैंसिंग कैप’ तैयार किया है. टोपी में खास अल्ट्रासोनिक सेंसर की मदद से बजर सेट किया गया है. इससे कोरोना काल में जरूरी छह गज की दूरी का पालन किया जा सकेगा. तय दूरी से कम होने पर व्यक्ति को बजर की मदद से सिग्नल मिलेगा. छात्रा ने सेंसर को सेट करने में कोडिंग की का इस्तेमाल किया है, ताकि इसका नोटिफिकेशन स्मार्ट गैजेट्स में भी मिल सके.

Posted by : Sameer Oraon

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