Ranchi news : महिलाओं व नाबालिगों के खिलाफ अपराध के मामले में हाइकोर्ट सख्त
झालसा के सुझाव पर विचार करने का निर्देश
झालसा के सुझाव पर विचार करने का निर्देश
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में महिला एवं नाबालिगों के साथ होनेवाले दुष्कर्म तथा प्रताड़ना की घटनाओं को रोकने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. खंडपीठ ने सरकार के मुख्य सचिव से कहा कि वह राज्य में सार्वजनिक स्थलों एवं अन्य जगह पर महिलाओं व नाबालिगों के खिलाफ अपराध रोकने एवं उनकी सुरक्षा पर झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) के सुझाव पर विचार करें. खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत टेबुलर चार्ट को सही तरीके से व्यवस्थित नहीं माना. खंडपीठ ने सरकार को आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि जिन स्कूलों ने चेक लिस्ट के अनुसार बच्चों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया है, उन पर विशेष ध्यान देना होगा. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने तीन दिसंबर की तिथि निर्धारित की. झालसा की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि वर्ष 2024 में झालसा ने कोर्ट को सार्वजनिक स्थलों सहित अन्य स्थलों पर महिलाओं व बच्चियों के खिलाफ अपराध रोकने तथा उनकी सुरक्षा पर सुझाव दिया था. वह चाहती है कि इन सुझावों पर राज्य सरकार ध्यान दे. इससे पहले राज्य सरकार की ओर से रांची के सभी सरकारी व निजी स्कूलों के 25 सूत्री चेकलिस्ट को टेबुलर चार्ट के रूप में प्रस्तुत किया गया. वहीं प्रार्थी अधिवक्ता भारती कुमारी ने बताया कि स्कूलों का जो चेकलिस्ट टेबुलर चार्ट के रूप में प्रस्तुत किया गया है, वह अस्पष्ट है. सभी स्कूलों के चेक लिस्ट से प्राप्त जानकारी को एक साथ मिला कर दिया गया है. इससे स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा में क्या-क्या कमी है, उसका पता नहीं चल पा रहा है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी भारती कुमारी ने जनहित याचिका दायर की है.
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