Ranchi news : हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम से मांगा जवाब, पूछा : कितने भवनों का नक्शा डिम्ड सेंक्शन किया गया

रांची नगर निगम हर कार्य में पारदर्शिता बरते, अपनी वेबसाइट पर जारी करे

By DEEPESH KUMAR | August 20, 2025 12:11 AM

-रांची नगर निगम हर कार्य में पारदर्शिता बरते, अपनी वेबसाइट पर जारी करे -मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी. -मामला आरआरडीए व रांची नगर निगम में नक्शा पास करने में होनेवाले विलंब तथा अवैध वसूली रोकने का. रांची . झारखंड हाइकोर्ट ने आरआरडीए व रांची नगर निगम में नक्शा स्वीकृति में विलंब और वसूली के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रांची नगर निगम से पूछा कि जब बिल्डिंग बॉयलॉज में डिम्ड सेंक्शन का प्रावधान है, तो अब तक कितने भवनों का नक्शा डिम्ड सेंक्शन (स्वत: स्वीकृत) किया गया है. उसकी रिपोर्ट पेश की जाये. रांची नगर निगम को अपने सभी कार्यों में पारदर्शिता लाने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि नगर निगम अपनी वेबसाइट पर सारी चीजें प्रदर्शित करे, जिसमें भवन का नक्शा से संबंधित जानकारी भी शामिल हो. भवन के नक्शा की क्या स्थिति है, वह किस स्टेज में है, क्या त्रुटि है, क्यों लंबित है, उसकी पूरी जानकारी वेबसाइट पर रहनी चाहिए, ताकि लोग देख कर उसकी त्रुटि का निराकरण कर सकें. खंडपीठ ने नगर निगम को निर्देश दिया कि वर्ष 2023 से लेकर अब तक कितने भवनों का नक्शा जमा हुआ, कितने नक्शे स्वीकृत किये गये और कितने भवनों के नक्शे लंबित हैं, इससे संबंधित विस्तृत जानकारी टेबुलर चार्ट को शपथ पत्र में दायर करें. रांची नगर निगम को चार सप्ताह का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 16 सितंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि झारखंड बिल्डिंग बॉयलॉज की कंडिका 10.6 में भवनों का नक्शा निर्धारित समय के अंदर पास नहीं होने पर डिम्ड सेंक्शन का प्रावधान है. वहीं मामले के एमीकस क्यूरी अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने बताया कि ऑटो डीसीआर सॉफ्टवेयर से भवनों का नक्शा पास करने के लिए समय सीमा निर्धारित है. इसके बाद भी समय पर नक्शा पास नहीं होने से लोग परेशान रहते हैं. पारदर्शिता का अभाव रहता है. आरआरडीए की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि रांची नगर निगम में नक्शा पास करने में विलंब व अवैध वसूली संबंधी खबर को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. उस पर स्वत: संज्ञान लेकर कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने रांची नगर निगम व आरआरडीए से पूछा था कि अगर तय समय सीमा के अंदर भवन का नक्शा पास नहीं होता है, तो क्यों न उसे स्वत: स्वीकृत माना जाता है. इसका प्रावधान है या नहीं. इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया गया था.

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