High Court: देवघर एयरपोर्ट के निर्माण व नाइट लैंडिंग मामले में 9 भवन मालिकों को नोटिस जारी करने का आदेश

झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट के निर्माण व नाइट लैंडिंग की सुविधा को लेकर दायर अवमानना मामले की सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान नौ भवन मालिकों को प्रतिवादी बनाया. उन्हें नोटिस जारी करने को कहा गया.

By Guru Swarup Mishra | September 27, 2022 10:03 PM

Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट के निर्माण व नाइट लैंडिंग की सुविधा को लेकर दायर अवमानना मामले की सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान नौ भवन मालिकों को प्रतिवादी बनाया. उन्हें नोटिस जारी करने को कहा गया. इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 19 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने अवमानना याचिका दायर की है.

विमानों की नाइट लैंडिंग के लिए जरूरी कार्य नहीं हुए पूरे

झारखंड के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि देवघर एयरपोर्ट पर विमानों की नाइट लैंडिंग के लिए जरूरी कार्यों को अब तक पूरा नहीं किया गया है. नाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं हो पायी है. शाम में विजिबलिटी कम रहने के कारण दो दर्जन से अधिक विमान उतर नहीं पाये हैं, जबकि राज्य सरकार ने अपने हिस्से के कार्यों को तीन माह में पूरा करने की बात कही थी.

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निशिकांत दुबे ने दायर की है अवमानना याचिका

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा. केंद्र सरकार की ओर से एएसजीआई अनिल कुमार ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने अवमानना याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि वर्ष 2018 में झारखंड हाईकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र व राज्य सरकार के जवाब से संतुष्ट होकर मामला निष्पादित कर दिया था. वर्ष 2019 तक कार्य पूरा कर लेना था. पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया था कि देवघर व मोहनपुर अंचल के नौ लोगों का मकान हटाने के लिए चिह्नित किया गया है.

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रिपोर्ट : राणा प्रताप, रांची

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