Ranchi news : पलामू की तत्कालीन डीइओ मीना कुमारी राय को हाइकोर्ट से राहत, सरकार की अपील खारिज

हाइकोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए बरकरार रखा

By DEEPESH KUMAR | October 24, 2025 7:28 PM

: हाइकोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए बरकरार रखा

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य शिक्षा सेवा के अधिकारी की सेवा से बर्खास्तगी को निरस्त करने तथा सजा पर दोबारा विचार करने को लेकर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली राज्य सरकार की अपील याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए बरकरार रखा. साथ ही राज्य सरकार की ओर से दायर अपील याचिका को खारिज कर दिया. खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला भी दिया. खंडपीठ ने माना कि 31 साल की बेदाग सेवा के बाद बर्खास्तगी देना तथा पेंशन जैसे लाभों से वंचित करना बहुत कठोर कदम है. खंडपीठ ने कहा कि प्रक्रियात्मक गलती, काम में लापरवाही या अधीनस्थ कर्मचारियों से सख्ती जैसे आरोपों के लिए किसी कर्मी को बर्खास्त करना बहुत कठोर सजा है.

क्या है मामला

1988 से बिहार शिक्षा सेवा में मीना कुमारी राय कार्यरत थीं. बिहार राज्य पुनर्गठन के बाद वह झारखंड कैडर में आ गयी. पलामू में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) के रूप में काम करते हुए उन पर आरोप लगे कि उन्होंने काम में लापरवाही की है. अधीनस्थों का वेतन रोका तथा सरकारी आदेशों का पालन ठीक से नहीं किया है. जांच में कुछ आरोप सही पाये गयेे. उसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. तत्कालीन डीइओ मीना कुमारी राय ने बर्खास्तगी आदेश को हाइकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी. एकल पीठ ने माना कि आरोप इतने गंभीर नहीं थे कि उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाये. पीठ ने उनकी बर्खास्तगी का आदेश रद्द करते हुए विभाग को सजा पर दोबारा विचार करने का निर्देश दिया था. एकल पीठ के आदेश को राज्य सरकार की ओर से अपील याचिका दायर कर चुनाैती दी गयी थी.

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