Ranchi news : :::जंगल प्रबंधन व विभाग में नियुक्ति के मामले में जवाब से हाइकोर्ट असंतुष्ट

वनरक्षी व वनपाल की नियुक्ति नियमावली बनाने के लिए तीन माह का मिला समय

By DEEPESH KUMAR | August 26, 2025 8:44 PM

वनरक्षी व वनपाल की नियुक्ति नियमावली बनाने के लिए तीन माह का मिला समय:::: हेडिंग

-जेपीएससी व जेएसएससी को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश.

-मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी.

वरीय संवाददाता, रांची

झारखंड हाइकोर्ट ने लातेहार के जंगलों में हाथियों की मौत तथा जंगलों में वन्य जीवों की दयनीय स्थिति को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चाैहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता व राज्य सरकार का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने जवाब पर असंतोष प्रकट किया. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि लंबे समय से जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है. कोर्ट ने पहले ही रिक्त पदों पर नियुक्ति का आदेश दिया था. अब भी कहा जा रहा है कि वनरक्षी व वनपाल की नियुक्ति के लिए नियमावली बनायी जा रही है. इसमें चार माह का समय लगेगा. वहीं जेपीएससी ने एसीएफ व रेंजर की नियुक्ति के लिए प्रारंभिक परीक्षा ली है. इन नियुक्तियों में कितना समय लगेगा और पूरी प्रक्रिया कब पूरी होगी. खंडपीठ ने जेपीएससी व जेएसएससी को मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. वहीं खंडपीठ ने राज्य सरकार को वनरक्षी व वनपाल की नियुक्ति नियमावली बनाने के लिए तीन माह का समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 27 नवंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पैरवी की. उन्होंने बताया कि एसीएफ व रेंजर पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया जेपीएससी ने शुरू की है. वनरक्षी, वनपाल की नियुक्ति के लिए नियमावली बनाने के लिए चार माह का समय देने का आग्रह किया. वहीं हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने इसका विरोध किया. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) व जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पैरवी की. उनकी ओर से बताया गया कि एसीएफ व वन क्षेत्र पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए जेपीएससी द्वारा प्रारंभिक परीक्षा ली गयी है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में लातेहार जिले में 10 दिनों के भीतर (30 अगस्त व नौ सितंबर 2021 को) दो हाथियों की मौत हो जाने पर झारखंड हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. पूर्व में हाइकोर्ट ने वन विभाग के सभी रिक्त पदों को भरने का आदेश दिया था.

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