झारखंड के 15 लाख हरा राशन कार्डधारियों को 5 माह से नहीं मिला अनाज, विधायक विनोद सिंह ने जतायी नाराजगी

पिछले पांच माह से इस योजना के लाभुकों को राशन नहीं मिल पा रहा है. खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राशि देने के बावजूद एफसीआइ से अनाज नहीं मिल रहा है

By Prabhat Khabar | December 27, 2022 9:30 AM

झारखंड के 15 लाख हरा राशन कार्डधारियों को पिछले पांच माह से अनाज नहीं मिल पा रहा है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से वंचित गरीबों को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम योजना चलायी जा रही है. इस योजना के तहत राज्य की ओर से अनुदानित दर पर एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पांच किलोग्राम चावल प्रतिमाह उपलब्ध कराना है.

परंतु पिछले पांच माह से इस योजना के लाभुकों को राशन नहीं मिल पा रहा है. खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राशि देने के बावजूद एफसीआइ से अनाज नहीं मिल रहा है. इसकी वजह से अनाज वितरण में विलंब हो रहा है. अगस्त माह से ही इस योजना के सभी लाभुकों के बीच अनाज वितरण नहीं हो पाया है. अगस्त में लाभुकों के बीच 62.54 प्रतिशत अनाज का वितरण किया गया था.

इसके बाद लगातार अनाज वितरण में कमी होती आयी है. सिंतबर में 28.95 प्रतिशत, अक्तूबर में 18.69 प्रतिशत, नवंबर में 11.85 प्रतिशत ही अनाज का वितरण हुआ. दिसंबर माह समाप्त होने में एक सप्ताह का समय बचा है, लेकिन इस माह योजना के एक भी लाभुक को अनाज नहीं मिल पाया है. राशन डीलरों का कहना है कि पिछले चार माह से इस योजना के लाभुकों के लिए अनाज का आवंटन नहीं किया गया है.

चालू वित्तीय वर्ष में पांच लाख गरीब जोड़े गये

राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़े पांच लाख और गरीबों को जोड़ा है. साथ ही हरा राशन कार्ड जारी किया है. परंतु इन्हें अभी इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

अनाज नहीं देना है, तो क्यों गरीबों का बनाया कार्ड

माले विधायक विनोद सिंह ने हरा राशन कार्डधारियों को पिछले पांच माह से अनाज नहीं दिये जाने पर आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीबों को कागज का टुकड़ा पकड़ा दिया है. जब राशन नहीं देना था, तो कार्ड क्यों जारी किया. सरकार को अविलंब अनाज की खरीदारी कर गरीबों के बीच वितरित करना चाहिए.

माहवार अनाज वितरण

अगस्त 62.54%

सितंबर 28.95%

अक्तूबर 18.69%

नवंबर 11.85%

दिसंबर शून्य

Next Article

Exit mobile version