झारखंड में सबसे अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने वाले कश्यप मेमोरियल आई बैंक में 90 साल की राधा देवी ने पेश की करुणा की मिसाल

Eye Donation News: झारखंड में 90 साल की बुजुर्ग महिला ने दुनिया से जाते-जाते कई लोगों की जिंदगी में रोशनी भर दी. यह दुनिया के सबसे अनमोल तोहफा में से एक है. राधा देवी बथवाल के निधन के बाद उनकी आंखों से कई लोग दुनिया देखेंगे. राधा देवी किसी और की आंखों में जीवित रहेंगी.

By Mithilesh Jha | December 17, 2025 5:40 PM

Eye Donation News: ऑल इंडिया मारवाड़ी महिला सम्मेलन की पूर्व अध्यक्ष राधा देवी बथवाल अब इस दुनिया में नहीं हैं. जीवन के अंतिम क्षण में उन्होंने कुछ ऐसा काम किया, जिसकी वजह से वह लंबे समय तक दुनिया में जीवित रहेंगी. उन्होंने जाते-जाते कई लोगों की जिंदगी रोशन करने का फैसला किया. 90 साल की उम्र में राधा देवी बथवाल ने मृत्यु के उपरांत अपनी आंखें दान कीं. उनके इस नि:स्वार्थ कार्य से झारखंड के कई लोगों को ‘दृष्टि’ का उपहार मिला है.

कॉर्निया ट्रांसप्लांट से हजारों लोगों को मिली है नयी जिंदगी

राधा देवी बथवाल की इच्छा को झारखंड में हजारों नेत्रहीन मरीजों की लाइफलाइन बन चुके कश्यप मेमोरियल आई बैंक ने पूरा किया. कश्यप मेमोरियल आई बैंक की मेडिकल डायरेक्टर-सह-प्रबंध न्यासी डॉ भारती कश्यप ने बताया कि संस्था की स्थापना के बाद से अब तक झारखंड में सबसे अधिक कॉर्नियल ट्रांसप्लांट किये हैं. इससे हजारों लोगों को न केवल दृष्टि मिली है, बल्कि उन्हें सम्मान और स्वतंत्रता भी वापस मिली है.

झारखंड में 1,000 से अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट

झारखंड में सबसे अधिक कॉर्नियल ट्रांसप्लांट करने वाले अस्पताल में हुए कॉर्निया ट्रांसप्लांट के आंकड़े.

कश्यप मेमोरियल आई बैंक ने अपनी स्थापना के बाद से लगभग 1,047 कॉर्नियल ट्रांसप्लांट किये हैं. पिछले 5 वर्षों में इस आई बैंक ने 522 कॉर्नियां ट्रांसप्लांट किये हैं. हर एक ट्रांसप्लांट की अपनी अलग कहानी है. कश्यप मेमोरियल आई बैंक झारखंड का सबसे बड़ा और देश के सर्वश्रेष्ठ आई बैंकों में एक है. अत्याधुनिक उपकरणों से लैस इस अस्पताल में बेहतरीन कॉर्निया सर्जन नेत्र रोगियों का इलाज और उनकी सर्जरी करते हैं.

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Eye Donation: थम जाती है जिंदगी, रोशनी नहीं

कश्यप मेमोरियल आई बैंक की प्रमुख डॉ भारती कश्यप ने कहा कि राधा देवी बथवाल का यह अंतिम उपहार अपने आप में अनूठा है. यह साबित करता है कि किसी व्यक्ति की सांसें थम जायें, तो उसका जीवन समाप्त नहीं हो जाता. उसके इस दुनिया से जाने के बाद भी वह इस दुनिया में मौजूद रह सकता है. उसकी मानवता की मिसाल लंबे अरसे तक दी जाती है. उसकी विरासत को लोग हमेशा याद करते हैं. वहीं, राधा देवी के परिवार के लिए यह निर्णय भावनात्मक संकल्प था. उनका मानना है कि भले जीवन समाप्त हो जाये, उसकी रोशनी फीकी नहीं पड़नी चाहिए.

90 साल की उम्र में राधा देवी बथवाल ने मरणोपरांत कश्यप मेमोरियल आई बैंक में किया नेत्रदान.

90 साल की उम्र में नेत्रदान कर पेश की करुणा की मिसाल

  • राधा देवी बथवाल ने 90 साल की उम्र में मृत्यु के बाद किया नेत्रदान, यह करुणा का बेमिसाल उदाहरण है.
  • नेत्रदान की प्रक्रिया झारखंड के सबसे बड़े कश्यप मेमोरियल आई बैंक रांची में पूरी हुई, जहां राज्य में सबसे अधिक कॉर्नियल ट्रांसप्लांट हुए हैं.
  • राधा देवी के परिवार ने यह साहसिक फैसला लिया, यह मानते हुए कि जीवन समाप्त होने पर भी उसकी रोशनी फीकी नहीं पड़नी चाहिए.
  • परिवार की सदस्य और नेत्रदान जागरूकता से जुड़ी नीरा बथवाल ने इस महान निर्णय को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
  • राधा देवी के बेटे डॉ दिव्य प्रकाश बथवाल कहते हैं कि दान की आंखों का एक जोड़ा, 3-4 लोगों के जीवन में ला सकता है बदलाव.
  • कश्यप मेमोरियल आई बैंक की गिनती देश के सर्वोत्तम आई बैंकों में होती है, जहां उच्च चिकित्सा मानकों के अनुरूप काम होता है.
  • आई बैंक ने अब तक 1,047 कॉर्नियल ट्रांसप्लांट किये हैं, जिसमें पिछले 5 वर्षों में 522 ट्रांसप्लांट शामिल हैं.

हमारी निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरा बथवाल की सासू मां राधा देवी बथवाल का स्वर्गवास 13 दिसंबर 2025 को हो गया. मरणोपरांत उनका नेत्रदान करवाया गया. हमारी प्रादेशिक संबंध समन्वय प्रमुख रीना सुरेखा के द्वारा कश्यप आई मेमोरियल हॉस्पिटल टीम ने समय पर पहुंचकर यह कार्य संपन्न किया. दुख की इस घड़ी में भी नेत्रदान जैसे पुनीत कार्य को अंजाम देने और समाज को नयी रोशनी देने वाले परिवार को इस अभूतपूर्व सेवा भाव के लिए साधुवाद.

अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन रांची शाखा

दृष्टिबाधित लोगों की जिंदगी में रंग भर देता है नेत्रदान

राधा देवी बथवाल के परिवार ने नेत्रदान के बाद कहा कि उनको लगा कि राधा देवी की आंखें उन लोगों के लिए दुनिया को रंगों से भर सकती हैं, जिनकी किसी कारण से दृष्टि चली गयी है. इस नेक निर्णय में उनकी पुत्रवधू नीरा बथवाल ने अहम भूमिका निभायी. नीरा बथवाल ऑल इंडिया मारवाड़ी महिला सम्मेलन की राज्य इकाई की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रही हैं. कश्यप मेमोरियल आई बैंक के साथ मिलकर नेत्रदान जागरूकता अभियान चलाती हैं. इसलिए उन्हें यह पता है कि कैसे नेत्रदान करने वाला एक व्यक्ति कई लोगों के जीवन को बदलने की क्षमता रखता है.

इसे भी पढ़ें : बेस्ट सोशल एक्टिविटी के लिए झारखंड की डॉ भारती कश्यप को आईएमए नेशनल प्रेसिडेंट्स एप्रीसिएशन अवार्ड

एक जोड़ी आंखों से बदल सकती है 3-4 लोगों की जिंदगी

राधा देवी के पुत्र और कोलकाता के कॉर्नियल सर्जन डॉ दिव्य प्रकाश बथवाल ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि निजी क्षति को दूसरों के लिए आशा में बदला जा सकता है. नेत्रदान केवल एक व्यक्ति को दृष्टि का उपहार नहीं देता. इसमें 3-4 लोगों के जीवन को बदलने की शक्ति होती है. कॉर्निया ट्रांसप्लांट के बाद लोग अपने प्रियजनों को देख पाते हैं, काम पर लौट पाते हैं और एक बार फिर सम्मान के साथ जी पाते हैं.

कश्यप मेमोरियल आई बैंक में हुए कॉर्निया ट्रांसप्लांट के आंकड़े.

देश के सर्वोत्तम आई बैंकों में गिना जाता है कश्यप मेमोरियल आई बैंक

उन्होंने यह भी कहा कि कश्यप मेमोरियल आई बैंक जैसे संस्थान, जो देश के सर्वोत्तम आई बैंकों में गिने जाते हैं, यह सुनिश्चित करते हैं कि इस पवित्र उपहार को उच्चतम चिकित्सा देखभाल मानकों, नैतिक अभ्यास और करुणा के साथ सम्मान दिया जाये. डॉ बथवाल ने कहा कि यहां दान की गयी हर आंख आशा की किरण होती है.

नेत्रदान के फायदे.

झारखंड के कश्यप मेमोरियल आई बैंक में 5 साल में 500 से अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट का ब्योरा

वर्षकॉर्नियल ट्रांसप्लांट की संख्या
202042
202194
202287
2023106
2024118
202587

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