Effect of Coronavirus : झारखंड के 23 विधायकों को चाहिए गाड़ी, नहीं मिल रहा लोन

झारखंड में नयी विधानसभा के गठन के बाद से ही पक्ष-विपक्ष के करीब दो दर्जन विधायक नयी गाड़ियों की आस लगाये हुए हैं. लेकिन इसके लिए इन्हें लोन नहीं मिल रहा है. नयी गाड़ियों की खरीद के लिए 23 विधायकों ने विधानसभा को पत्र भी लिखा है.

By Prabhat Khabar | August 1, 2020 7:12 AM

रांची : झारखंड में नयी विधानसभा के गठन के बाद से ही पक्ष-विपक्ष के करीब दो दर्जन विधायक नयी गाड़ियों की आस लगाये हुए हैं. लेकिन इसके लिए इन्हें लोन नहीं मिल रहा है. नयी गाड़ियों की खरीद के लिए 23 विधायकों ने विधानसभा को पत्र भी लिखा है. सत्ता पक्ष के 14 और विपक्ष के सात विधायकों ने नयी गाड़ी के लिए विधानसभा को अपना आवेदन दिया है. विधानसभा ने वित्त विभाग को विधायकों की मांग से अवगत करा दिया है. साथ ही विधायकों की सूची व गाड़ियों का कोटेशन वित्त विभाग को भेजा है. लेकिन, कोरोना संक्रमण और वित्त की स्थिति का आकलन करते हुए वित्त विभाग ने अब तक इस मामले में पहल नहीं की है.

अधिकतम 20 लाख रुपये देने का है प्रावधान : झारखंड विधानसभा की ‘वेतन व सुविधा नियमावली’ के तहत विधायकों को गाड़ी खरीदने के लिए सरकार की तरफ से लोन देने का प्रावधान है. किसी भी विधायक को गाड़ी खरीदने के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये का लोन मिलता है. इसके एवज में चार प्रतिशत के हिसाब से ब्याज देय होता है. विधायकों को संबंधित गाड़ी का ब्योरा विधानसभा को उपलब्ध कराना होता है. गाड़ी अगर महंगी है, तो अतिरिक्त पैसा विधायकों को खुद वहन करना होता है.

इन विधायकों को चाहिए नयी गाड़ी : विरंची नारायण, लोबिन हेंब्रम, अंबा प्रसाद, पूर्णिमा नीरज सिंह, रणधीर कुमार सिंह, उमाशंकर अकेला, राज सिन्हा, किशुन कुमार दास, मथुरा प्रसाद महतो, समीर कुमार मोहंति, सुदिव्य कुमार, दशरथ गागराई, सोनाराम सिंकू, सुखराम उरांव, रामदास सोरेन, सरयू राय, बंधु तिर्की, समरी लाल, राजेश कच्छप, जिग्गा सुसारण होरो, नमन विक्सल कोनगाड़ी, कुशवाहा शशिभूषण मेहता, पुष्पा देवी़

सरकार पैसे का रोना रो रही है, विधायक महीनों से एक लोन का इंतजार कर रहे हैं. क्षेत्र भ्रमण से लेकर दूसरी परेशानियां हैं. सरकार के पास फिजूलखर्ची करने का पैसा है. कोरोना संक्रमण में राज्य में महंगी गाड़ियां मंगायी जा रही हैं.

विरंची नारायण, भाजपा विधायक

विधायकों को वित्त विभाग के फैसले का इंतजार, भेजा गया है प्रस्ताव : हर सेक्टर पर कोरोना का प्रभाव पड़ा है. राजस्व नहीं आ रहा है. सरकार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए हर तरह का लोन बंद है. कोरोना संक्रमण के दौर में जनता से जुड़ी योजनाएं सरकार की प्राथमिकता में हैं. एक-दो महीने में स्थिति में सुधार की उम्मीद है. सरकार के पास पैसे आयेंगे, तो विधायकों को भी लोन दिया जायेगा.

रामेश्वर उरांव, वित्त मंत्री

Post by : Pritish Sahay

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