Ranchi news : खुले में चल रहे मीट-चिकेन दुकानों के मामले में नगर निगम को विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश
मामला राजधानी सहित राज्य भर में खुले में चल रहे मीट-चिकेन दुकानों के संचालन का.
मामले की अगली सुनवाई 17 अक्तूबर को होगी
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में दुकानों में खुलेआम कटे हुए बकरे व मुर्गे की बिक्री के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी व सरकार का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने सरकार व रांची नगर निगम को विस्तृत जवाब दायर कर की गयी कार्रवाई की अद्यतन जानकारी देने का निर्देश दिया. इस मामले में पूर्व में एकल पीठ ने जो निर्देश दिया था, उसके पालन के लिए अब तक क्या कार्रवाई की गयी है, उसकी भी जानकारी देने का निर्देश दिया. एकल पीठ ने कांके वधशाला में ही मांस काटने के रांची नगर निगम के आदेश को रद्द कर दिया था. पीठ ने कहा था कि नगर निगम ने जो नियम बनाये हैं, उस पर सरकार का अनुमोदन प्राप्त नहीं था. सरकार को इसकी नियमावली बनाने का निर्देश दिया था. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 17 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इससे पहले रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव बताया कि वधशाला में पशुओं को काटने की प्रक्रिया होगी और कई अन्य प्रावधान बनाये गये हैं. इसका संकल्प तैयार कर सरकार के पास भेजा गया है. पशुओं को काटने के पहले उनके स्वास्थ्य की जांच की जायेगी. इस मामले में कुरैश पंचायत की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई की गयी. याचिका में कहा गया है कि एकल पीठ ने 19 जुलाई 2023 को खुले में मांस की बिक्री और स्लॉटर हाउस पर आदेश दिया था. यदि इस आदेश का पालन कर दिया जाये, तो समस्या स्वत: समाप्त हो जायेगी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी श्यामानंद पांडेय ने जनहित याचिका दायर की है. प्रार्थी ने याचिका में कहा है कि रांची शहर सहित राज्य में मीट विक्रेता बाहर खुले में कटे हुए बकरा व चिकन की बिक्री के लिए उसका प्रदर्शन करते हैं. यह एफआइसीसीआइ के रूल एंड रेगुलेशन के खिलाफ है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के विपरीत भी है.
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