नहीं रूक रही है झारखंड में रेमडेसिविर की कालाबाजारी, पुलिसकर्मियों ने दो युवकों को रांची से धर दबोचा, ऐसे हुई गिरफ्तारी

पूछताछ में अभिषेक ने पुलिस को बताया कि उनके मामा को कोरोना संक्रमण हो गया था. उन्हें टाटीसिलवे स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उन्हें इलाज के लिए रेमडेसिविर की आवश्यकता थी. उन्हें अस्पताल में रेमडेसिविर नहीं मिल रहा था. इसके बाद वे रांची के बाजार में तलाशने लगे. एक व्यक्ति से संपर्क करने पर रेमडेसिविर कोलकाता में मिलने की जानकारी मिली. इधर, कोतवाली एएसपी मुकेश कुमार लुनायत के अनुसार, युवक कोलकाता गये और छह रेमडेसिविर 96 हजार रुपये में खरीद कर रांची पहुंचे.

By Prabhat Khabar | May 5, 2021 9:17 AM

Ranchi News, Black Marketing of Remdesivir In Jharkhand रांची : जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के बिरसा चौक के पास रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने के आरोप में पुलिस ने छापेमारी कर मंगलवार को दो युवकों को गिरफ्तार किया. मामले में ड्रग इंस्टपेक्टर पूनम तिर्की की लिखित शिकायत पर जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. गिरफ्तार युवकों में गुलशन कुमार उर्फ अमन (पिता-कन्हाई भंडारी) व अभिषेक कुमार (पिता-श्याम ठाकुर) हवाई नगर रोड नंबर-दो के रहनेवाले हैं. पुलिस ने दोनों के पास से छह रेमडेसिविर बरामद किया है. वहीं, पुलिस ने उनके पास से एक कार और एक बाइक भी बरामद की है. दोनों रिश्ते में भाई हैं.

पूछताछ में अभिषेक ने पुलिस को बताया कि उनके मामा को कोरोना संक्रमण हो गया था. उन्हें टाटीसिलवे स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उन्हें इलाज के लिए रेमडेसिविर की आवश्यकता थी. उन्हें अस्पताल में रेमडेसिविर नहीं मिल रहा था. इसके बाद वे रांची के बाजार में तलाशने लगे. एक व्यक्ति से संपर्क करने पर रेमडेसिविर कोलकाता में मिलने की जानकारी मिली. इधर, कोतवाली एएसपी मुकेश कुमार लुनायत के अनुसार, युवक कोलकाता गये और छह रेमडेसिविर 96 हजार रुपये में खरीद कर रांची पहुंचे.

यहां आने पर उन्हें पता चला कि अस्पताल में भर्ती मरीज को रेमडेसिविर मिल चुका है. रेमडेसिविर का उपयोग नहीं रह गया था. इसके बाद दोनों पैसा वापस पाने के लिए इसे बाजार में बेचने का प्रयास करने लगे और पकड़े गये.

किसी गिरोह से जुड़े होने की नहीं मिली जानकारी :

पुलिस को आरंभिक जांच में जानकारी मिली है कि दोनों किसी गिरोह से नहीं जुड़े हैं. पुलिस ने ड्रग इंस्पेक्टर को भी बुलाया और मामले की पड़ताल शुरू की. दोनों ने पुलिस के सामने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि उनकी मंशा सिर्फ अपने रुपये हासिल करने की थी. खरीदार नहीं मिलने की वजह से खरीद मूल्य से कम कीमत पर रेमडेसिविर बेचने को तैयार हो गये थे.

Posted By : Sameer Oraon

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