कार्बन उत्सर्जक से ग्रीन एनर्जी की ओर कोल इंडिया, 3 गीगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन की है ये तैयारी
Coal India News: पर्यावरण को प्रदूषण फैलाने वाले कोयला उत्पादक कंपनी से कोल इंडिया लिमिटेड अब ग्रीन एनर्जी प्रोवाइडर बनने की ओर अग्रसर है. कंपनी ने 3 गीगावाट सौर उर्जा उत्पादन की तैयारी की है और इसके लिए इपीसी पार्टनर और ईओआई जारी किये हैं. कोल इंडिया को सौर ऊर्जा के लिए जमीन के अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी.
Coal India Limited: भारत की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया है. भारत सरकार के वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट क्लीन एनर्जी के उत्पादन के लक्ष्य में सहयोग देने के उद्देश्य से कंपनी 3 गीगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने की तैयारी कर रही है. कंपनी ने 3 गीगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) परियोजनाओं के लिए पार्टनर्स खोजने के लिए EoI (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) जारी किया है.
सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं
कोल इंडिया को सौर ऊर्जा के लिए जमीन के अधिग्रहण की भी जरूरत नहीं होगी, क्योंकि उसके पास काफी बेकार जमीन पड़ी है. जिन जगहों पर खनन हो चुका है, उन्हीं जगहों का इस्तेमाल करते हुए सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कोल इंडिया अपनी भूमिका बढ़ाना चाहती है. कंपनी ने माइन आऊट भूमि यानी पिछले खनन कार्यों के बाद उपलब्ध जमीन का इस्तेमाल करके सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है.
लगातार बढ़ रहा है कोल इंडिया का सौर ऊर्जा पोर्टफोलियो
कोल इंडिया का सौर ऊर्जा पोर्टफोलियो लगातार बढ़ रहा है. कंपनी के विभिन्न उपक्रमों के पास अब तक लगभग 23.5 मेगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता है, जिसने वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 6.83 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया. 279 मेगावाट के ग्राउंड-माउंटेड सोलर प्रोजेक्ट्स अभी निर्माणाधीन हैं. 20 मेगावाट रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट्स की योजना पर भी कंपनी काम कर रही है. गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (GUVNL) के लिए 100 मेगावाट का सौर संयंत्र और राजस्थान के बीकानेर में 1 गीगावाट का सौर प्रोजेक्ट शामिल हैं.
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सौर ऊर्जा और विंड मिल से हो रहा ऊर्जा का उत्पादन
26 मई 2023 तक कोयला/इग्नाइट पीएसयू ने 1656 मेगावाट सौर ऊर्जा और 51 मेगावाट विंड मिल से ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है. वर्ष 2030 तक 5570 मेगावाट अक्षय ऊर्जा के उत्पादन की योजना है. बायो ईंधन तैयार करने वाली कोल इंडिया खुद नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल के लिए 2025-26 में 3 गीगावाट बिजली का उत्पादन करने की तैयारी कर रहा है. वर्ष 2026 तक 1158 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
पर्यावरण, आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण
कोयला पर निर्भरता से स्वच्छ ऊर्जा की ओर यह रुख न केवल पर्यावरण की दृष्टि से, बल्कि आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. इंडिया की ऊर्जा जरूरतें तेजी से बढ़ रहीं हैं, और नवीनीकृत ऊर्जा स्रोतों का विस्तार ऊर्जा सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण और ग्लोबल क्लाइमेट लक्ष्यों को हासिल करने में अहम भूमिका निभाता है. सीआईएल की यह पहल भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में एक नयी दिशा सुझाती है, जो दिखाती है कि पारंपरिक कोयला क्षेत्र भी ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में आगे बढ़े हैं.
Coal India News: परिवर्तन में कई चुनौतियां भी – एक्सपर्ट
विशेषज्ञों का मानना है कि इस परिवर्तन में कई चुनौतियां भी हैं. मसलन भूमि का सही प्रबंधन, परियोजना का वित्तपोषण, तकनीकी दक्षता और राज्य सरकारों तथा अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग. इसके बावजूद सीआईएल की विशेषज्ञता, विशाल संसाधन और सरकारी सहयोग, इन अड़चनों को पार करने में सहायक होंगे. अगर सीआईएल की परियोजनाएं पूरी हो गयीं, तो ये सोलर प्रोजेक्ट्स भारत की ऊर्जा जरूरतों को स्थिर और टिकाऊ बना सकतीं हैं.
कोयला खनन कंपनी बन रही ऊर्जा सेवा देने वाली कंपनी
कोयला खनन कंपनी से कोल इंडिया लिमिटेड अब सौर ऊर्जा सेवा प्रदाता कंपनी के रूप में बदल रही है. यह परिवर्तन न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और नवाचार को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित होगा. आने वाले वर्षों में, इसके 3 गीगावाट सौर ऊर्जा लक्ष्य की सफलता देश का ऊर्जा मानचित्र पूरी तरह से बदल जायेगा, ऐसी उम्मीद है.
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