खनन पट्टा मामले में CM हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग को सौंपा जवाब, रघुवर दास ने राज्यपाल से की थी शिकायत

रांची के अनगड़ा में खनन पट्टा मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग को जवाब भेज दिया है. जवाब दाखिल करने के लिए सीएम ने एक माह का समय मांगा था, लेकिन आयोग ने 10 दिनों का अतिरिक्त समय देते हुए 20 मई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2022 4:30 PM

Jharkhand News: रांची जिला अंतर्गत अनगड़ा प्रखंड में 88 डिसमिल पत्थर खदान लीज मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग को अपना जवाब भेज दिया है. सीएम श्री सोरेन पर पद पर रहते हुए खनन पट्टा लेने का आरोप है. चुनाव आयोग ने सीएम श्री सोरेन को 20 मई, 2022 तक जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया है. हालांकि, इस मामले में सीएम श्री सोरेन ने एक माह का समय मांगा था, जिसे चुनाव आयोग ने अस्वीकार करते हुए 20 मई तक जवाब देने को कहा था.

सीएम की लीगल टीम ने सौंपा जवाब

चुनाव आयोग को जवाब भेजने के लिए गुरुवार को लीगल टीम दिल्ली पहुंची थी. सीएम की लीगल टीम जवाब देने को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली थी. इसी के आधार पर शुक्रवार को चुनाव आयोग को जवाब सौंपा गया. इधर, सूत्रों के अनुसार, खनन पट्टा मामले में झारखंड हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे के आधार पर निर्णय के इंतजार करने आग्रह चुनाव आयोग से किया गया है.

पूर्व सीएम की शिकायत पर चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस

मालूम हो कि बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने अनगड़ा प्रखंड में 88 डिसमिल जमीन पर पत्थर खदान के लिए लाइसेंस निर्गत करने के मामले में राज्यपाल रमेश बैस से शिकायत की थी. इस शिकायत के आधार पर राज्यपाल ने चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा था. इसी आधार पर चुनाव आयोग ने सीएम श्री सोरेन को नोटिस भेजा था.

Also Read: माइनिंग लीज लेने के मामले में CM हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग का नया नोटिस, 10 दिन में मांगा जवाब

झामुमो का दावा

इधर, इस मामले में झामुमो ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा नौ के तहत सीएम श्री सोरेन का खनन लीज लेना लाभ के पद के दायरे में नहीं आने का दावा किया है. साथ ही भाजपा पर साजिश के तहत सीएम श्री सोरेन के खिलाफ आरोप लगाने की बात कही थी.

सीएम ने जवाब दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने के कारण गिनाए

बता दें कि सीएम श्री सोरेन ने चुनाव आयोग द्वारा भेजी गयी नोटिस पर अपना पक्ष रखने के लिए एक माह का समय मांगा था. लेकिन, सीएम के आग्रह पर आयोग ने उन्हें 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया था. इस दौरान सीएम ने समय बढ़ाने के कारण भी बताए थे. इसके तहत उन्होंने आयोग से कहा कि दो मई को नोटिस मिली और 10 मई तक जवाब देने के लिए कहा गया. इतने कम समय में अपना पक्ष सही तरीके से पेश करना संभव नहीं है. इसके अलावा आयोग ने अपनी नोटिस के साथ 600 पन्नों के उस दस्तावेज को भेजा है, जिसे मुख्य सचिव ने चुनाव आयोग को भेजा था. साथ ही मां रूपी सोरेन के बीमार होने का हवाला भी सीएम ने दिया था.

विधायकी खत्म करने के गिनाए कारण

शिकायत के आधार पर सीएम हेमंत सोरेन की विधायकी खत्म करने के लिए कई कारण गिनाए गये. इसके तहत लोकसेवक के रूप में सीएम ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. उन्होंने पत्थर का माइनिंग लीज है. इस कारण उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (2) के तहत कार्रवाई हो. इसके अलावा मुख्यमंत्री का माइनिंग लीज लेना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा (9A) के दायरे में है. इस प्रावधान के तहत इनकी सदस्यता समाप्त हो सकती है. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए बनाए गये कोड ऑफ कंडक्ट यानी आचार संहिता के प्रावधान के तहत कोई मुख्यमंत्री और मंत्री व्यवसाय नहीं कर सकता है.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड के नेताओं को भा रहा है शिक्षा का कारोबार, जानें कौन कर रहा है कितना निवेश

Posted By: Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version