झारखंड में जंगल व पहाड़ की तलहटी में बसे सूर्याबेड़ा गांव की बदली तस्वीर, ग्रामीणों के खिल उठे चेहरे

Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जंगल व पहाड़ की तलहटी में बसे सूर्याबेड़ा गांव की तस्वीर तेजी से बदल रही है. सीएम हेमंत सोरेन के आदेश के बाद तेजी से विकास कार्यों के कारण लोगों के चेहरे खिल उठे हैं. बिजली, सड़क, पानी और रोजगार से ग्रामीण उत्साहित हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2021 5:59 PM

Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जंगल व पहाड़ की तलहटी में बसे सूर्याबेड़ा गांव की तस्वीर तेजी से बदल रही है. सीएम हेमंत सोरेन के आदेश के बाद तेजी से विकास कार्यों के कारण लोगों के चेहरे खिल उठे हैं. बिजली, सड़क, पानी और रोजगार से ग्रामीण उत्साहित हैं.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद मुसाबनी प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर घने जंगल और पहाड़ की तलहटी में बसा सूर्याबेड़ा गांव अब विकास से अछूता नहीं रहा. इस गांव में 52 परिवार आजादी के सात दशक बाद भी विकास योजनाओं से वंचित थे. सीएम ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को इस बाबत आवश्यक निर्देश दिया था.

Also Read: झारखंड में नक्सलियों की साजिश नाकाम, ऑपरेशन चक्रव्यूह में जंगल में छिपाये गये 3 IED बम बरामद

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद 16 दिसंबर 2020 को उपायुक्त सूर्याबेड़ा गांव में जनता दरबार लगाकर की समस्याओं से रूबरू हुए थे. उस वक्त विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया गया था. सूर्यबेड़ा गांव में विकास योजनाओं को धरातल पर उतारना किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन इस चुनौती को स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन की पूरी टीम ने विकास कार्यों को धरातल पर उतारने में सफलता पाई.

Also Read: देश-दुनिया में छऊ से नाम रोशन करने वाले कामेश्वर को नहीं मिलती वृद्धा पेंशन, आजीविका के लिए कर रहे ये काम

सूर्याबेड़ा गांव शाम होने के बाद अंधकार में समा जाता था तथा जहां ढिबरी-बाती ही रात में पढ़ाई करने के लिए बच्चों के पास एकमात्र विकल्प था. उस गांव में बिजली पहुंचने से बच्चे बल्ब की रोशनी में पढ़ाई कर पा रहे हैं. ग्रामीण कहते हैं कि बिजली पहुंचने से पहले संध्या होने के बाद न तो कोई ग्रामीण गांव से निकलना चाहता था और ना ही कोई प्रखंड मुख्यालय से गांव की ओर आता था. गांव में बिजली पहुंचने से पहले शाम ढलते ही सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद होने को विवश थे, लेकिन अब स्ट्रीट लाइट लग जाने से बच्चे-बुजुर्ग सभी रात में भी घर के बाहर बैठकर एक दूसरे के साथ समय व्यतीत कर पाते हैं.

Also Read: झारखंड के 7.60 लाख मैट्रिक-इंटर के विद्यार्थियों का कब आ रहा रिजल्ट, क्या जारी होगी टॉपरों की लिस्ट

ग्रामीणों को प्रतिदिन 30 मानव दिवस का सृजन करते हुए ग्रामीणों को मनरेगा योजना में रोजगार उपलब्ध कराया गया है. गांव में सिंचाई कूप, चापाकल, विधायक निधि से 1500 फीट पीसीसी पथ का निमाण पूर्ण हो गया है. वहीं 500 फीट का पीसीसी पथ भी 15वें वित्त आयोग से स्वीकृत है. मनरेगा के तहत पशु शेड निर्माण का भी लाभ ग्रामीणों को दिया गया है.

Also Read: बिहार के औरंगाबाद के अपहृत व्यवसायी शैलेंद्र कुमार झारखंड के पलामू से सकुशल बरामद, 7 अपहर्ता भी गिरफ्तार

सूर्याबेड़ा गांव तक जानेवाली सड़क का निर्माण लगभग पूरा हो गया है. पेजयल की समस्या को देखते हुए डीप बोरिंग, चापाकल एवं सिंचाई कूप का निर्माण मनरेगा योजना के अन्तर्गत कराया गया है. दीदीबाड़ी योजना के अन्तर्गत उक्त गांव में सब्जी की खेती भी कराई जा रही है. रोजगार के लिए सभी ग्रामीणों का मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनाया गया है, ताकि सभी को अपनी पंचायत एवं गांव में ही रोजगार मिल सके.

Also Read: झारखंड में फिर सक्रिय हो रहा Monsoon, इन जिलों में आज भारी बारिश, पढ़िए मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान

सूर्याबेड़ा गांव के करीब 60 फीसदी बच्चों को कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन कराते हुए उच्च शिक्षा से जोड़ा गया है. साथ ही फिलहाल गांव में ही रहकर पढ़ाई करनेवाले बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनके द्वारा खेल प्रतियोगिता की शुरूआत की गई, जो समय-समय पर करायी जा रही है.

Also Read: झारखंड के गोड्डा में ऑनर किलिंग, दादा समेत परिजनों पर लड़की की हत्या का आरोप, हिरासत में लेकर हो रही पूछताछ

पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर विकास योजनाओं से आच्छादित करने के लिए जिला प्रशासन तत्पर है. हर क्षेत्र में विकास योजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा. सूर्याबेड़ा गांव का विकास सभी क्षेत्र के लिए रोल मॉडल होगा.

Also Read: झारखंड में आज Complete Lockdown, पाबंदियों से सिर्फ इन्हें है रियायत, कोरोना की चेन तोड़ने में मदद की अपील

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version