Ranchi news : नियुक्ति के बीच प्रक्रिया में बदलाव गलत, सरकार प्रार्थियों को दो-दो लाख मुआवजा दे : हाइकोर्ट
मामला दुमका जिला में जनसेवक बहाली में आरक्षण में उलटफेर करने का
By DEEPESH KUMAR |
October 24, 2025 7:31 PM
मामला दुमका जिला में जनसेवक बहाली में आरक्षण में उलटफेर करने का.
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रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने कृषि विभाग की उस बहाली प्रक्रिया पर कड़ी टिप्पणी की है, जिसमें दुमका जिले में जनसेवक नियुक्ति के दौरान आरक्षण में उलटफेर कर दिया गया था. जहां अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 34 तथा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए सिर्फ चार पद थे, वहीं विभाग ने नियुक्ति प्रक्रिया के बीच में इसे उलट दिया और एसटी के 34 तथा एससी के चार पदों पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी थी. इस कारण प्रार्थियों की एससी कोटि के पदों पर नियुक्ति नहीं हो पायी. हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि विज्ञापन के मुताबिक स्पष्ट आरक्षण व्यवस्था तय थी. इसे बीच प्रक्रिया में बदला नहीं जा सकता था. यह स्थापित कानूनी सिद्धांत है कि चयन प्रक्रिया के दाैरान नियम नहीं बदला जा सकता है. अदालत ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी त्रुटियां न हों, इसके लिये राज्य सरकार को संवेदनशील रहते हुए नियुक्ति नियमों और आरक्षण व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना चाहिए. अदालत ने माना कि यदि विज्ञापन के अनुसार चयन होता, तो प्रार्थियों की नियुक्ति संभव थी, लेकिन अब नियुक्त अभ्यर्थी वर्षों पहले पदस्थापित हो चुके हैं. वे नाैकरी कर रहे हैं. ऐसे में सूची में बदलाव या नयी चयन सूची जारी करने का आदेश देना व्यावहारिक नहीं होगा. अदालत ने कहा कि यह मामला लापरवाही और देरी का शिकार रहा. यह मामला वर्ष 2012 में दायर हुआ था और अब 2025 के अंत तक पहुंच चुका है. इसलिए न्याय के हित में राज्य सरकार को प्रत्येक प्रार्थी को दो-दो लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया जाता है. अदालत ने सरकार को राशि का भुगतान आदेश की प्रति मिलने के 12 सप्ताह के भीतर करने का निर्देश दिया. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन एवं अन्य ने पैरवी की. उन्होंने अदालत को बताया कि दुमका के उपायुक्त ने कई बार संशोधित विज्ञापन जारी करने का अनुरोध भेजा था, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई सुधार अधिसूचना जारी नहीं की गयी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी एससी कोटि के अभ्यर्थी विजय रंजन, पार्थ सारथी व संजय कुमार दास ने याचिका दायर कर नियुक्ति की मांग की थी.
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