झारखंड में तीन वर्षों तक चलेगा सीएफ प्रोजेक्ट, जानिये मनरेगा को इससे कैसे मिलेगा बेहतर सपोर्ट

राज्य में वर्ष 2020 से लेकर 2023 तक क्लस्टर फैसिलिटेशन प्रोजेक्ट (सीएफपी) का संचालन होगा. इसके तहत मनरेगा की योजनाओं को गति दी जायेगी. मनरेगा की योजनाओं को तकनीकी सपोर्ट दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar | September 15, 2020 8:34 AM

रांची : राज्य में वर्ष 2020 से लेकर 2023 तक क्लस्टर फैसिलिटेशन प्रोजेक्ट (सीएफपी) का संचालन होगा. इसके तहत मनरेगा की योजनाओं को गति दी जायेगी. मनरेगा की योजनाओं को तकनीकी सपोर्ट दिया जायेगा. इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहुंचाने का काम शुरू हो गया है. ग्रामीण विकास विभाग ने इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर सारे जिलों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. इसके संबंध में संकल्प भी जारी कर दिया गया है.

संकल्प में कहा गया है कि तीन वर्षों तक प्रोजेक्ट चलना है, लेकिन सरकार को यह लगेगा कि इसे और लंबा चलाने की जरूरत है, तो उसकी अवधि में विस्तार किया जायेगा. भारत सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से प्रोजेक्ट का संचालन होगा. फिलहाल देश के कुल 300 प्रखंडों में से सबसे ज्यादा प्रखंड झारखंड के चयन हुए हैं. झारखंड के 51 प्रखंडों में सीएफपी शुरू होने जा रही है. इसकी तैयारी की जा रही है. वहीं इस प्रोजेक्ट से मनरेगा की योजनाओं को लेकर ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, इसकी भी तैयारी है.

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51 प्रखंडों में इसे शुरू करने को लेकर आवश्यक नियुक्तियां भी की जायेगी. अधिकारियों ने बताया कि सीएफपी के तहत योजनाओं को लेकर प्लानिंग करना है. इसके साथ ही कर्मियों की क्षमता में बढ़ोतरी भी की जायेगी. ग्रामीणों को जागरूक करके काम करना है. मनरेगा कर्मियों में भी ग्रामीणों के प्रति जागरूकता का भाव पैदा करने के साथ ही योजनाओं के प्रति उन्हें प्रेरित भी करना है. यह सारे कार्य भारत सरकार से प्राप्त निधि से की जायेगी. राज्य सरकार भी अपनी निधि देगी, ताकि मैन पावर आदि पर खर्च किये जा सकें.

मनरेगाकर्मियों ने दिया योगदान, बढ़ा रोजगार : मनरेगा कर्मियों की हड़ताल समाप्ति के बाद से रोजगार में बढ़ोतरी शुरू हो गयी है. कर्मियों ने योगदान करना शुरू कर दिया है, हालांकि कई जिलों में अभी तक मनरेगा कर्मियों ने पूरी तरह से काम शुरू नहीं किया है. फिर भी तीन से चार दिनों के अंदर काम करने वाले मजदूरों की संख्या करीब 40 हजार से ज्यादा बढ़ी है. हड़ताल की वजह से नौ सितंबर तक मजदूरों की संख्या बढ़ कर मात्र 4.80 लाख हुई थी. यानी सोशल ऑडिट यूनिट सहित अन्य के प्रयास से रोजगार पांच लाख तक नहीं पहुंच सका था, जो आज की तिथि में बढ़ कर 5.20 लाख हो गया है. मजदूरों को ज्यादा रोजगार मिलना शुरू हुआ है.

जानकारी के मुताबिक मनरेगा कर्मियों ने 27 अगस्त से हड़ताल शुरू की थी. इनकी हड़ताल 10 सितंबर तक चली. 10 सितंबर को हड़ताल समाप्ति की घोषणा की गयी. इसके बाद से ये लोग अभी तक काम संभालने में लगे हैं. इनका दावा है कि अब तेजी से काम बढ़ जायेगा. रोजगार में वृद्धि होगी.

Post by : Pritish Sahay

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