Ranchi news : जमीन घोटाला मामले में अफसर सहित सात लोगों पर केस
एसीबी ने जांच रिपोर्ट भेजकर सरकार से मांगी थी प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति
: एसीबी ने जांच रिपोर्ट भेजकर सरकार से मांगी थी प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति
हजारीबाग जिला में फर्जी दस्तावेज तैयार कर खासमहल की जमीन घोटाला के मामले में एसीबी ने केस दर्ज कर लिया है. दर्ज केस में तत्कालीन खासमहल पदाधिकारी विनोद चंद्र झा, बसंती सेठी, उमा सेठी, इंद्रजीत सेठी, राजेश सेठी, विजय प्रताप सिंह और सुजीत कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया है. यह केस एसीबी थाना प्रभारी सौरभ लकड़ा की शिकायत पर दर्ज किया गया है. एसीबी ने मामले में अनुसंधान शुरू कर दिया है. खासमहल की जमीन घोटाला से संबंधित मामले में पूर्व में एसीबी द्वारा दर्ज प्रीलिमिनरी इंक्वायरी (पीई) दर्ज किया था. इसी के आधार पर एसीबी ने मामले में आरंभिक जांच पूरी कर मंत्रिमंडल निगरानी विभाग के माध्यम से सरकार को प्रस्ताव भेजकर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. सरकार से अनुमति मिलने के बाद एसीबी ने उक्त कार्रवाई की है.
एसीबी ने आरंभिक जांच में पाया था कि हजारीबाग की करीब 2.75 एकड़ खासमहल जमीन वर्ष 1948 में एक ट्रस्ट को 30 वर्षों के लिए लीज पर दी गयी थी. लीज की अवधि वर्ष 1978 में समाप्त होने के बाद इसका नवीकरण वर्ष 2008 तक के लिए किया गया था. लेकिन वर्ष 2008 से 2010 के बीच एक सुनियोजित तरीके से इस भूमि को सरकारी घोषित कर 23 निजी व्यक्तियों को आवंटित कर दिया गया. जांच के दौरान पाया गया कि लीज नवीकरण के दौरान ट्रस्ट सेवायत शब्द को तत्कालीन खासमहल पदाधिकारी ने जान बुझकर हटाया था, ताकि ट्रस्ट की भूमि को सरकारी दिखाया जा सके और उसका अवैध रूप से हस्तांतरण किया जा सके. जांच के दौरान यह भी पाया गया था ट्रस्ट की भूमि को किसी और को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता था. इसके बाद भी ऐसा किया गया. वर्तमान में उस भूमि पर बहुमंजिली इमारत बनी है. जांच के दौरान एसीबी को इस बात के भी तथ्य मिले थे कि ट्रस्ट की जमीन को निजी लाभ के लिए बेचने के लिए फर्जी तरीके से तैयार दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
