Political news : अनुसूचित जाति व जनजाति के मुद्दे पर भाजपा को बोलने का हक नहीं : झामुमो
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा को अनुसूचित जाति और आदिम जनजातियों की याद सिर्फ तब आती है, जब वह विपक्ष में होती है.
रांची.
झामुमो महासचिव व प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने कहा है कि अनुसूचित जाति और जनजाति के मुद्दे पर भाजपा को बोलने का हक नहीं है. भाजपा का आरोप राजनीति में उनका दोहरा चरित्र दिखाता है. पार्टी प्रवक्ता श्री पांडेय ने कहा कि भाजपा को अनुसूचित जाति और आदिम जनजातियों की याद सिर्फ तब आती है, जब वह विपक्ष में होती है. सत्ता में रहते हुए इन वर्गों के लिए क्या किया, यह पूरे राज्य को पता है. विनोद पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार आदिवासी, मूलवासी, दलित और पिछड़े वर्गों की सच्ची हितैषी है. सरकार की योजनाएं जैसे- मरांग गोमके छात्रवृत्ति, सिदो-कान्हू कृषि समृद्धि योजना, फेलोशिप स्कीम इन वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में प्रभावी कदम हैं. भाजपा का यह आरोप कि अनुसूचित जाति आयोग का गठन नहीं हुआ, सरासर भ्रामक है. सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है और जल्द ही आयोग का पुनर्गठन होगा. मंत्री राधा कृष्ण किशोर के पत्र को लेकर उठाये गये सवालों पर श्री पांडेय ने कहा कि लोकतंत्र में हर मंत्री को राय रखने का अधिकार है. यह भाजपा की तानाशाह सरकार नहीं है. भाजपा के किसी मंत्री को पीएम नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखने की आजादी है नहीं है. किसी भाजपा मंत्री ने पीएम मोदी जी को पत्र लिखा है क्या, यह भी भाजपा को बताना चाहिए. भाजपा इसे मुद्दा बनाकर आदिवासी और दलित समाज को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा को नैतिकता की बात करने से पहले यह बताना चाहिए कि उन्होंने अपने शासनकाल में कितने आदिवासी युवाओं को नौकरी दी. भाजपा आदिवासी-दलित हितैषी होने का नाटक कर रही है. जबकि उसकी असली नीति इन वर्गों को हाशिये पर धकेलने की रही है. झामुमो सरकार विकास और सामाजिक न्याय के रास्ते पर पूरी प्रतिबद्धता से चल रही है.
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