जामताड़ा के शातिर साइबर क्रिमिनल्स से मुकाबले करेगी 26,000 युवाओं की फौज, ऐसे चल रही है तैयारी

Cyber Crime, Jamtara, Jharkhand news: जामताड़ा के साइबर क्रिमिनल्स के खात्मे और उनकी दुकान बंद करने के लिए झारखंड में कम से कम 26,000 साइबर एक्सपर्ट की फौज तैयार हो चुकी है. ऐसे युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. साइबर क्राइम के खिलाफ तैयार हो रही इस फौज में कोई भी छात्र या युवा शामिल हो सकता है.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 25, 2020 7:02 AM

रांची : जामताड़ा के साइबर क्रिमिनल्स के खात्मे और उनकी दुकान बंद करने के लिए झारखंड में कम से कम 26,000 साइबर एक्सपर्ट की फौज तैयार हो चुकी है. ऐसे युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. साइबर क्राइम के खिलाफ तैयार हो रही इस फौज में कोई भी छात्र या युवा शामिल हो सकता है.

केंद्र सरकार की पहल पर झारखंड समेत पूरे देश में प्रज्ञा केंद्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) के जरिये यह ट्रेनिंग दी जा रही है. सिर्फ झारखंड में 26,000 से ज्यादा छात्र और युवाओं ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाया. इन्हें साइबर क्राइम का शिकार होने से बचने के तरीके बताये गये. ट्रेनिंग लेने वालों में शिक्षक और टीचर दोनों शामिल हैं.

झारखंड के सीएससी (एजुकेशन) के सीनियर एग्जीक्यूटिव विक्रम वर्मा ने बताया कि इस ट्रेनिंग के बाद जामताड़ा या देश-दुनिया का कोई भी ठग उन्हें आसानी से अपना शिकार नहीं बना पायेगा. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद लोगों में इतनी समझ तैयार हो जाती है कि साइबर क्रिमिनल किस तरह से लोगों को फंसाते हैं.

Also Read: झारखंड : इस गांव के 90 फीसदी युवा हैं साइबर क्रिमिनल, क्या है 50-50 का मामला

उन्होंने बताया कि इसके लिए हर जिला में कम से कम एक एकेडमिक सेंटर बनाया गया है. यही सेंटर प्रोग्राम को संचालित करता है. इस ट्रेनिंग में आइटी एक्सपर्ट बताते हैं कि अपने डाटा को कैसे सुरक्षित रखें. हैकिंग से कैसे बचें और साइबर फिशिंग करने वालों के झांसे में आने से कैसे बचें.

ऑनलाइन ठगी करने वाले साइबर क्रिमिनल्स को ठिकाने लगाने के लिए भारत सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इस अभियान की शुरुआत की. इसके तहत युवाओं को प्रज्ञा केंद्रों के जरिये साइबर सिक्यूरिटी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बच्चों को इस ट्रेनिंग प्रोग्राम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि वे साइबर क्रिमिनल्स का शिकार होने से खुद भी बचें और लोगों को भी बचा सकें.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि 12 जुलाई से 12 अगस्त, 2020 तक चलाये गये जागरूकता अभियान के दौरान रजिस्ट्रेशन कराने वालों को मुफ्त में ट्रेनिंग दी गयी. अब इसके लिए लोगों को 1,180 रुपये का भुगतान करना होता है. ऑनलाइन ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इसकी परीक्षा होगी. परीक्षा पास करने वालों को सीएससी एकेडमी की ओर से बाकायदा प्रमाण पत्र भी दिया जाता है.

Also Read: झारखंड के इस गांव में दीवारों पर होती है पढ़ाई, एक टीचर की पहल के अधिकारी से लेकर सीएम हेमंत सोरेन तक कायल

ज्ञात हो कि साइबर अपराध में लिप्त लोग नये-नये तरीकों से झांसा देकर लोगों से ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं. ऐसे में साइबर सुरक्षा को लेकर युवाओं को बेसिक जानकारी दी जा रही है. प्रज्ञा केंद्रों में साइबर सुरक्षा से संबंधित ऑनलाइन कोर्स चलाये जा रहे हैं.

ऐसे बनें साइबर वरियर

यदि आप भी साइबर वरियर बनना चाहते हैं, तो प्रज्ञा केंद्र में रजिस्ट्रेशन करायें. इसके लिए आपको सिर्फ इतना करना है कि किसी प्रज्ञा केंद्र में जाकर अपने विवरण के साथ मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी दें. प्रज्ञा केंद्र संचालक आपको आइडी और पासवर्ड देगा. इसके बाद आप कंप्यूटर या स्मार्टफोन पर लॉग-इन कर ऑनलाइन प्रशिक्षण ले सकेंगे. पास होने पर बाकायदा आपको प्रमाण पत्र दिया जायेगा.

राजेश मंडल ने किया था चौंकाने वाला खुलासा

पिछले दिनों जामताड़ा में 9 साइबर क्रिमिनल गिरफ्तार किये गये थे. इनमें से एक राजेश मंडल ने एसपी दीपक कुमार सिन्हा के सामने स्वीकार किया था कि करमाटांड़ प्रखंड में स्थित उसके गांव सियाटांड़ में 90 फीसदी युवा साइबर क्राइम से जुड़े हैं. इस दौरान उसने यह डेमोंस्ट्रेशन भी दिया था कि वह कैसे लोगों को अपने झांसे में लेता है.

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version