झारखंड : 10 साल से बन रहा है पशुपालन विभाग का वैक्सीन लैब, एनडीडीबी ने मानक के अनुरूप नहीं बताया

पशुपालन विभाग का अत्याधुनिक वैक्सीन लैब (जीएमपी) का निर्माण पिछले 10 साल से हो रहा है. पर, तब तक तैयार नहीं हुआ है. अब तो आलम यह है कि नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड इसे वर्तमान मानक के अनुरूप नहीं बताया है. 28 करोड़ रुपये से निर्माण हो रहा है.

By Prabhat Khabar | April 22, 2023 6:13 AM

रांची, मनोज सिंह : पशुपालन विभाग का अत्याधुनिक वैक्सीन लैब (जीएमपी) का निर्माण पिछले 10 साल से हो रहा है. निर्माण कांके में पशु स्वास्थ्य उत्पादन संस्थान (एलआरएस) के परिसर में हो रहा है. 2012 में इसके निर्माण के लिए राज्यादेश निकला गया था. 2014 में इसका निर्माण शुरू हुआ था. अब तक इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका है. पिछले साल 25 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने भी इसका निरीक्षण किया था. उन्होंने जल्द इसका निर्माण करने को कहा था, लेकिन आज तक स्थिति वही है. इसी बीच इसकी जांच नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) से करायी गयी थी. एनडीडीबी ने इसको वर्तमान मानक के अनुरूप नहीं बताया है. इसके निर्माण की शुरुआती लागत 28 करोड़ रुपये थी. यहां गलाघोंटू, एंथ्रेक्स, स्वाइन फ्लू, रानीखेत आदि बीमारियों की वैक्सीन का निर्माण होना है.

एनडीडीबी की रिपोर्ट पर मंथन कर रहा है विभाग

पशुपालन विभाग एनडीडीबी की रिपोर्ट और लैब निर्माण की वर्तमान स्थिति पर मंथन कर रहा है. लैब की तकनीकी पहलु की जानकारी भी ले रहा है. काम नहीं होने से पड़ने वाले असर की जानकारी भी ले रहा है. इसको शुरू करने के लिए एक सलाहकार नियुक्ति करने पर भी विचार हो रहा है. सलाहकार यहां उत्पादित होनेवाली वैक्सीन के लिए जरूरी तकनीकी काम करायेगा. लैब के संचालन से पहले कई प्रकार के प्रमाण पत्र की जरूरत होती है. झारखंड में पशुपालन विभाग के वैज्ञानिकों को वैक्सीन उत्पादन करने की प्रक्रिया की जानकारी भी सलाहकार देगा. इसके बाद ही यह शुरू हो पायेगा.

विशेषज्ञ के नियुक्ति का है प्रावधान

पशुपालन विभाग के पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान (एलआरएस) में विशेषज्ञ पशु चिकित्सक का ही प्रावधान है. इसकी नियमावली भी बनायी गयी थी. इसमें तय किया गया था पशु स्वास्थ्य में पीजी की डिग्रीधारी पशु चिकित्सकों का ही यहां पदस्थापन होगा. यहां कम से कम छह साल के लिए पदस्थापन किया जायेगा. इसके बावजूद आज भी इस संस्थान में नियमावली का पालन नहीं हो पाता है.

Also Read: झारखंड : ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, 24 अप्रैल को फिर बुलाया

जितनी वैक्सीन की जरूरत, यहां से हो रहा पूरा : डॉ महथा

इस संबंध में एलआरएस के निदेशक डॉ बिपिन बिहारी महथा ने कहा कि एलआरएस को जितनी वैक्सीन की जरूरत है, वह यहां से पूरा हो सकता है. बस कुछ काम बाकी है. यह टर्न-की आधार पर बन रहा है. बनाने वाली एजेंसी को चला कर इसको विभाग को हैंडओवर करना है. जिस दिन यह हैंडओवर हो जायेगा, उसी दिन से हमलोग अपनी जरूरत की वैक्सीन बनाने लगेंगे.

Next Article

Exit mobile version