चिंता का विषय: रांची की हवा हो रही जहरीली! खतरे के निशान तक पहुंचा प्रदूषण स्तर

Air Pollution Ranchi: इस साल लगातार हुई बारिश के बावजूद रांची का प्रदूषण स्तर बढ़ा हुआ है, जो कि चिंता का विषय है. 2 अगस्त 2025 को रांची का एयर क्वालिटी इंडेक्स 66 रहा. इसे मध्यम (मॉडरेट) स्तर का माना जाता है. यह खतरे के निशान के करीब है.

By Dipali Kumari | August 11, 2025 8:52 AM

Air Pollution Ranchi | मनोज सिंह: राजधानी रांची में वायु प्रदुषण काफी तेजी से बढ़ रहा है. पिछले पांच वर्षों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में करीब चार फीसदी की वृद्धि हुई है. इस वर्ष सामान्य से अधिक बारिश होने के बावजूद राजधानी का प्रदूषण का स्तर नहीं सुधर रहा है. पिछले तीन साल की तुलना में इस वर्ष राजधानी का प्रदूषण स्तर अगस्त में बढ़ा हुआ है. 2 अगस्त 2025 को रांची का एयर क्वालिटी इंडेक्स 66 रहा. इसे मध्यम (मॉडरेट) स्तर का माना जाता है. यह खतरे के निशान के करीब है.

वर्ष सबसे अधिक अगस्त में सबसे अधिक
2021मार्च (141)105
2022दिसंबर (140)54
2023जनवरी (127)43
2024दिसंबर (144)33
2025जनवरी (136)66
पांच साल का प्रदूषण स्तर

11 से 2 बजे तक रहता है सबसे अधिक प्रदूषण

राजधानी रांची में सुबह 11 बजे से 2 बजे तक सबसे अधिक प्रदूषण रहता है. शनिवार, 9 अगस्त को राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 86 रहा. वहीं, सुबह 4 बजे राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 62 था. इससे यह भी समझा जा सकता है कि राजधानी की हवा जहां दोपहर में काफी प्रदूषित हो जाती है, तो वहीं सुबह में भी बहुत अच्छी नहीं होती है. सांस संबंधी बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए यह हवा नुकसानदायक है.

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प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों की बढ़ती संख्या

राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ मनीष कुमार का कहना है कि गर्मी और जाड़ा की तुलना में बरसात में प्रदूषण कम होता है. इसके बाद भी अगर प्रदूषण बढ़ा हुआ है, तो वह स्थानीय कारकों से है. यहां प्रदूषण का मुख्य कारण वाहन है. इसे कम करने का प्रयास बहुत अधिक नहीं है. इस कारण शहर पर प्रदूषण रोकने का बहुत असर नहीं दिख रहा है.

क्लिन एयर कार्यक्रम के तहत रांची को मिले 93 करोड़ रुपये

भारत सरकार के नेशनल क्लिन एयर कार्यक्रम के तहत 93 करोड़ रुपये रांची नगर निगम को मिले हैं. यह पैसा राजधानी की आबोहवा को सुधारने के लिए मिला है. इसमें से करीब 58 करोड़ रुपये खर्च हो गये हैं. इसके बावजूद राजधानी की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है. मालूम हो इसके लिए भारत सरकार 2018-19 से पैसा दे रही है.

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