Ranchi news : हथियार बरामदगी के 14 साल पुराने मामले में आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी
मामले में अवैध हथियार बरामदगी मामले में स्वयं के दर्ज प्राथमिकी को तत्कालीन ओपी प्रभारी अदालत में साबित करने में नाकाम रहे
रांची . अपर न्यायायुक्त अखिलेश कुमार तिवारी की अदालत ने 14 साल पुराने हथियार और कारतूस बरामदगी मामले में ट्रायल फेस कर रहे आरोपी आशीम कुमार उपाध्याय उर्फ आशीम कुमार मुखोपाध्याय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. मामले में अवैध हथियार बरामदगी मामले में स्वयं के दर्ज प्राथमिकी को तत्कालीन ओपी प्रभारी अदालत में साबित करने में नाकाम रहे, छापेमारी दल में शामिल छह पुलिस वाले भी बरामदगी की घटना को साबित नहीं कर सके.बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह महाराणा ने दलील दी कि स्वतंत्र गवाहों को पेश नहीं किया गया और साक्ष्य की शृंखला अधूरी रही. अदालत ने माना कि बरामदगी की विश्वसनीयता संदेहास्पद है तथा अभियोजन आरोपी का दोष साबित नहीं कर सका. मामला में तुपुदाना (धुर्वा) पुलिस टीम ने एक सितंबर 2011 को सतरंजी पेट्रोल पंप के पास लूट की गुप्त सूचना पर छापेमारी कर आरोपी को अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. उसके पास से एक पिस्तौल, चार कारतूस, 2000 रुपये नकद और एक मोबाइल फोन बरामद होने का दावा किया था. अभियोजन पक्ष की ओर से दो दारोगा समेत सात पुलिस वालों की गवाही करायी गयी थी. इसमें बैलिस्टिक विशेषज्ञ नवीन कुमार लाकड़ा ने हथियार को चालू हालत में बताया, लेकिन उस पर कोई पहचान चिह्न नहीं था. जांच अधिकारी नागेश्वर राजक और उपेंद्र पाठक ने माना कि जब्त वस्तुओं पर सील या मलकाना नंबर नहीं लगाया गया. अजय राम और सिरिल आइंद ने कहा कि वे मौके पर नहीं थे और बरामदगी उनके सामने नहीं हुई.
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