हाइकोर्ट ने दिया आदेश, प्रोन्नति में आरक्षण का प्रावधान स्थगित

रांची: हाइकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लागू प्रोन्नति में आरक्षण के प्रावधान को स्थगित कर दिया है. अदालत ने सोमवार को सरकार के इस प्रावधान को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई के दौरान स्थगन का आदेश जारी किया. सरकार को अपनी बात कहने के लिए 24 अक्तूबर तक का समय दिया गया है. सरकार ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2016 1:20 AM
रांची: हाइकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लागू प्रोन्नति में आरक्षण के प्रावधान को स्थगित कर दिया है. अदालत ने सोमवार को सरकार के इस प्रावधान को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई के दौरान स्थगन का आदेश जारी किया. सरकार को अपनी बात कहने के लिए 24 अक्तूबर तक का समय दिया गया है.

सरकार ने झारखंड अभियंत्रण सेवा नियुक्ति प्रोन्नति नियमावली 2016 में कार्यपालक अभियंता के पद को भरने में आरक्षण का प्रावधान लागू किया था. इसमें कार्यपालक अभियंता के 60 प्रतिशत पदों को राज्य लोक सेवा के माध्यम से नियुक्त हुए इंजीनियरों और 40 प्रतिशत पद ऐसे इंजीनियरों से भरने का प्राधान किया गया था जिन्होंने कनीय अभियंता में योगदान देने के बाद एएमआइइ (एसोसियेट मेंबर ऑफ इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स) के माध्यम से बीटेक की डिग्री हासिल की हो. सरकार द्वारा बनाये गये इस नियम का विरोध करते हुए झारखंड अभियंत्रण संघ ने हाइकोर्ट में इसे चुनौती दी थी.

दायर याचिका में कहा गया था कि इस नये नियम से बीटेक या एमटेक कर नौकरी में आये सामान्य के अलावा अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के इंजीनियरों की प्रोन्नति प्रभावित हो जायेगी. एएमआइ के लिए 40 प्रतिशत कोटा तय करने की वजह से जल्द ही एेसी स्थिति पैदा हो जायेेगी, जिससे अनौपचारिक शिक्षा के सहारे डिग्री पानेवाले इंजीनियर शीर्ष पदों पर होंगे और राज्य लोक सेवा से नियुक्त इंजीनियर उनके मातहत होंगे. यह स्थिति सरकार के कामकाज के लिए भी बेहतर नहीं होगी.

याचिका में यह भी कहा गया था कि राजस्थान में प्रोन्नति में आरक्षण का प्रावधान किया गया था, पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था. इसलिए प्रोन्नति में आरक्षण के प्रावधान को लागू नहीं किया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति डीएन पटेल की अदालत में मामले की सुनवाई हुई.