आदिवासी दर्शन को बढ़ावा मिले

रांची: आदिवासी जन परिषद ने प्रकृति पर्व सरहुल को पर्यावरण बचाओ आंदोलन के रूप में लेने का निर्णय लिया है़ बुधवार को करमटोली कार्यालय में हुई बैठक में अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि समाज के लोग आदिवासी दर्शन को बढ़ावा दे़ं . बैठक के दौरान सरकार से मांग की गयी कि सरहुल को स्कूलों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 17, 2016 2:16 AM
रांची: आदिवासी जन परिषद ने प्रकृति पर्व सरहुल को पर्यावरण बचाओ आंदोलन के रूप में लेने का निर्णय लिया है़ बुधवार को करमटोली कार्यालय में हुई बैठक में अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि समाज के लोग आदिवासी दर्शन को बढ़ावा दे़ं .

बैठक के दौरान सरकार से मांग की गयी कि सरहुल को स्कूलों की पहली कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये़ सरहुल महोत्सव को बढ़ावा देने के लिए सरकार विशेष पैकेज की व्यवस्था करे़ रांची के सरना धार्मिक स्थलों का सुंदरीकरण किया जाये और सरहुल शोभायात्रा के दौरान विशेष पुलिस बल, स्वास्थ्य सेवा, पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था की जाये़ सरहुल शोभायात्रा के दौरान जन परिषद के 400 वोलेंटियर्स तैनात रहेंगे़ उन्होंने कहा कि जन परिषद द्वारा 23 अप्रैल को रांची सरहुल मिलन समारोह का आयोजन किया जायेगा़ इस मौके पर पत्रिका, सांस्कृतिक विरासत का लोकार्पण होगा और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे़ सरहुल महोत्वस के सफल आयोजन के लिए तैयारी समिति का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष अभय भुटकुंवर बनाये गये है़ं

सरहुल में बढ़ायेंगे लोगों की भागीदारी
केंद्रीय सरना समिति ने सरहुल शोभायात्रा में व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए रांची को पांच क्षेत्रों में बांटते हुए कार्यकर्ताओं को जिम्मेवारी सौंपी़ उत्तरी क्षेत्र के लिए फ्रांसिस लिंडा, सौरव उरांव, बिरसा उरांव, आकाश उरांव व संजय लिंडा, दक्षिणी क्षेत्र के लिए मेघा उरांव, पूर्वी क्षेत्र के लिए जागरण कच्छप व मुन्ना टोप्पो, पश्चिमी क्षेत्र के लिए अजय लिंडा, बंदी उरांव और केंद्रीय क्षेत्र के लिए सुखदेव मुंडा, बलकू उरांव, संदीप उरांव, कृष्णाकांत टोप्पो, प्रदीप लकड़ा आिद को प्रभार सौंपा गया है़

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